शिक्षण पद्धतियों में प्रौद्योगिकी को शुमार करें शिक्षक: राष्ट्रपति
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नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल करें। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि वह बच्चों को त्याग, सहिष्णुता, बहुलवाद, तालमेल और करूणा जैसे सभ्यता के मूल्यों की सीख दें। गौरतलब है कि मुखर्जी ने अपने करियर की शुरूआत बतौर शिक्षक ही की थी।
‘शिक्षक दिवस’ पर शिक्षकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इस मौके पर हम ‘हमारे राष्ट्र के लिए शिक्षकों की समर्पित सेवाओं को याद करते हैं।’ ट्विटर पर अपने श्रृंखलाबद्ध संदेशों में मुखर्जी ने कहा कि मजबूत शिक्षा प्रणाली जागरूक समाज का सुदृढ़ आधार है। एक संदेश में उन्होंने कहा कि प्रेरणा देने वाले शिक्षक अच्छी शिक्षा प्रणाली के मूलभूत अंग हैं। प्रेरणा देने वाला शिक्षक छात्रों के व्यक्तिगत लक्ष्यों को समाज तथा राष्ट्र के लक्ष्यों से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को शिक्षा देने और सिखाने के आधुनिक तथा प्रभावी तरीकों के लिए प्रौद्योगिकी और नई शिक्षण पद्धतियों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने देश के युवाओं को शिक्षित करने जैसे बड़े उद्देश्य के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता की खातिर पूरे शिक्षक समुदाय को बधाई दी।
Good wishes to entire teaching community for their dedication & commitment to the great cause of educating our youth #PresidentMukherjee
— President of India (@RashtrapatiBhvn) September 5, 2016
शिक्षक दिवस देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। जाने माने शिक्षाविद, दार्शनिक एवं भारत रत्न से सम्मानित राधाकृष्णन अद्वैत वेदान्त के प्रतिपादक थे जिसने हिंदुत्व की पश्चिम जगत द्वारा की जा रही आलोचना का जवाब दिया था।