पतंजलि ने बाजार में बेहतर करने के लिए मजबूर किया
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नई दिल्ली, स्वससे। कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री में पतंजलि के उतरने के बाद विदेशी कंपनियां बेहतर करने के लिए मजबूर हूई है। यह कहना है डिटॉल साबुन बनाने वाली कंपनी रेकिट बेनकीजन के ग्लोबल चीफ एग्जिक्यूटिव राकेश कपूर का। कपूर ने कहा कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने इंडस्ट्री को बेहतर बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता आपको बेहतर बनाती है। पतंजलि सभी को बेहतर बना रही है। पतंजलि बेहतर कीमत देने के लिए सभी को प्रेरित कर रही है। आपको बता दें कि पतंजलि घरेलू उपयोग में आने वाले साबुन से लेकर बिस्किट और नूडल्स तक सब कुछ बनाती है।
पिछले दिनों जारी आंकड़ों के मुताबिक पतंजलि 10,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की कंपनी बन चुकी है। कपूर ने कहा कि पतंजलि जैसी कंपनियां यह रास्ता दिखा रही हैं कि भारतीय ग्राहकों तक सांस्कृतिक के जरिए कैसे पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि की चुनौती से दूसरी कंपनियां बेहतर बनेंगी क्योंकि उन्हें भारतीय उपभोक्ताओं को समझने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे कंपनियों को इनोवेशन और वैल्यू क्रिएट करना होगा।
गौरतलब है कि पतंजलि 10,500 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है। पतंजलि के कारण मल्टीनेशनल कंपनियों ने भी आयुर्वेदिक सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित किया। पिछले कुछ वर्षों में कोलगेट ने सिबाका वेदशक्ति नाम से अपना पहला इंडिया-फोकस्ड ब्रैंड लॉन्च किया। उसका मकसद इससे पतंजलि के दंतक्रांति का मुकाबला करना था। लॉरियल ने प्राकृतिक बूटियों के साथ हेयर केयर रेंज में गार्नियर अल्ट्रा ब्लेड्स लॉन्च किया। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भी आयुर्वेदिक पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स को बाजार में उतारा है।
कपूर ने कहा कि भारतीय बाजार की ग्रोथ अच्छी थी, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी से हमारी इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा। साइबर अटैक भी ठीक उसी समय हुआ, जब भारत में जीएसटी लागू हो रहा था। उन्हें कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद हम अपने सिस्टम में बदलाव कर रहे थे और उसी समय साइबर हमला हो गया। इस वजह से हमारा भारतीय बिजनेस खासतौर पर प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा 'ग्राहकों की शॉपिंग का तरीका बदल रहा है।