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तीन रूपों में दर्शन देती हैं काली माता

तीन रूपों में दर्शन देती हैं काली माता
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ग्वालियर|
नवरात्रि का पर्व शहर में भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। हजारों की संख्या में लोग मां के दरबार में पहुंचकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शहर में काली माता का एक मंदिर ऐसा भी है, जहां विराजमान काली माता दिन में तीन रूप बदलती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।
यहां हम बात कर रहे हैं गरगज कॉलोनी बालाजी धाम स्थित काली माता के मंदिर की। इस मंदिर में कलकत्ता से लाई गई काली माता की प्रतिमा को आज से बीस वर्ष पहले स्थापित किया गया था। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां स्थापित काली माता की मूर्ति खासकर नवरात्रि के दिनों में अपने रूप को दिन में तीन बार बदलती हैं।

ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी एवं मंदिर के महंत पंडित किशोर शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि काली माता की मूर्ति सुबह ब्रह्म मुहुर्त में 4 से 6 बजे तक बाल रूप में, दोपहर अभीजीत मुहुर्त 12 से 1 बजे तक युवा रूप में और रात्रि 12 बजे वृद्ध रूप में अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। उन्होंने बताया कि काली मां यहां आने वाली ऐसी महिलाएं, जो औलाद के लिए परेशान होती हैं, उनकी गोद भी भरती हैं। वहीं जिन जातकों को विवाह में अड़चन आती है, वह यहां पर हल्दी के उल्टे थापे लगाते हैं, जिससे उनका विवाह शीघ्र हो जाता है। बाद में यह जातक यहां आकर उन थापों को सीधा करते हैं।

मां ने कहा था मुझे स्थापित करो
ज्योतिषाचार्य पं. सोनी ने बताया कि आज से बीस वर्ष पूर्व एक कन्या को मां की सवारी आई थी। कन्या के मुख से मां ने कहा था कि मुझे यहां पर शीघ्र स्थापित किया जाए। मां के आदेश के बाद कुछ लोग कलकत्ता गए और वहां से लगभग पांच फुट की मूर्ति को लाकर यहां पर स्थापित किया गया।

Updated : 22 March 2018 12:00 AM GMT
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