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बेटों को रेबीज का इंजेक्शन लगवाने दो दिन से पिता काट रहा चक्कर

बेटों को रेबीज का इंजेक्शन लगवाने दो दिन से पिता काट रहा चक्कर
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दो घंटे की ओपीडी में समय से पहले निकले चिकित्सक

ग्वालियर| सिविल अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए मंत्री से लेकर स्वास्थ्य अधिकारी आए दिन औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश देते है। उसके बाद भी अस्पताल के चिकित्सकों की मनमानी और लेटलतीफी थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही कुछ रविवार को छुट्टी के दिन अस्पताल में संचालित हुई सुबह 9 से 11 बजे तक दो घंटे की ओपीडी में देखने को मिला।

दो दिन लगातार अवकाश के चलते रविवार को सिविल अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए विशेष रूप से दो घंटे की ओपीडी खोली गई, लेकिन ओपीडी में मेडिसिन, नेत्र रोग व हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ही नहीं पहुंचे। जबकि बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ व सर्जन चिकित्सक समय से पहले ही चले गए। भदरौली गांव निवासी लेखराज ने बताया कि उनके 7 वर्षीय बेटे करन और 9 वर्षीय पवन दोनों को कुत्ते ने काट लिया था। जिन्हें रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए वह दो दिन से चक्कर काट रहे है।

उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने 11 अप्रैल को पहला इंजेक्शन लगाते हुए दूसरा इंजेक्शन 14 अप्रैल में लगाने की बात कही थी। जिस पर जब वह गत दिवस शनिवार को अस्पताल पहुंचे तो छुट्टी की बात कहते हुए लौटा दिया गया। इसी के चलते वह रविवार को पहुंचे तो उन्हें फिर से अब छुट्टी की बात कही जा रही है। इसी तरह घासमण्डी निवासी पंकज ने बताया कि उन्हें अल्ट्रासाउण्ड के लिए 15 अप्रैल की डेट दी गई थी, लेकिन अब छुट्टी बता रहे हैं। ओपीडी में पूरे समय तक ईएनटी के डॉ. प्रशांत नायक व टीबी के डॉ. जे.पी. सोनकर ही बैठे। जबकि बच्चों के डॉ. ए.के. सिंघल करीब 10.30 बजे ही ओपीडी से उठ कर चले गए। इसी तरह सर्जरी चिकित्सक भी समय से पहले ओपीडी से उठ कर चले गए। जिस कारण कई मरीजों को बिना उपचार के ही लौटना पड़ा।

Updated : 16 April 2018 12:00 AM GMT
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