Home > Archived > उल्टी-दस्त से परेशान आरक्षक को नहीं मिला डेढ़ घंटे तक उपचार

उल्टी-दस्त से परेशान आरक्षक को नहीं मिला डेढ़ घंटे तक उपचार

उल्टी-दस्त से परेशान आरक्षक को नहीं मिला डेढ़ घंटे तक उपचार
X

विभागाध्यक्ष से की शिकायत तो नर्स ने लगाए गेट, नहीं की फोन पर बात, मामला जयारोग्य के मेडिसिन विभाग का, नोटिस जारी

ग्वालियर|
जयारोग्य चिकित्सालय के मेडिसिन विभाग में उल्टी, दस्त व बुखार से पीड़ित एक आरक्षक को उपचार के डेढ़ घंटे तक भटकना पड़ा। इंतजार करने के बाद जब चिकित्सक नहीं आए तो आरक्षक ने पहले विभाग अध्यक्ष को सूचना दी और बाद में सहायक अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद आरक्षक का कैजुअल्टी में उपचार तो शुरू हो गया, लेकिन वरिष्ठ महिला चिकित्सकों की फटकार सुन आरक्षक निजी अस्पताल में उपचार के लिए चला गया।

पीटीएस तिघरा में पदस्थ आरक्षक धीरेन्द्र शर्मा को उल्टी, दस्त होने के साथ ही बुखार भी आ रहा था, जिसके उपचार के लिए वह सुबह 6 बजे जयारोग्य के कैजुअल्टी में पहुंचे। जहां से उन्हें मेडिसिन विभाग भेज दिया गया। इस पर जब आरक्षक मेडिसिन विभाग के वार्ड-1 में पहुंचा तो वहां कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था। जिस पर आरक्षक ने ड्यूटी पर तैनात नर्स से चिकित्सक की जानकारी मांगी तो नर्स ने रुकने की बात कही। करीब डेढ़ घंटे तक कोई चिकित्सक उसे देखने नहीं आया तो आरक्षक ने विभाग अध्यक्ष डॉ. ओपी जाटव को फोन पर सूचना दी।

इस पर विभागाध्यक्ष ने मौजूद नर्स से बात कराने की बात कही तो नर्स ने ड्यूटी रूम का गेट लगाते हुए विभाग अध्यक्ष डॉ. जाटव से भी बात करने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं आरक्षक करीब 10 मिनट तक बाहर ही खड़ा रहा, उसके बाद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। जिससे परेशान होकर आरक्षक ने सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया को फोन पर शिकायत की। डॉ. नरवरिया ने आरक्षक को कैजुअल्टी में डॉ. आदित्य तिवारी के पास भेजा और उपचार शुरू कराया। लेकिन उपचार शुरू होने के कुछ ही देर बाद मेडिसिन विभाग के चिकित्सक कैजुअल्टी पहुंचे और धीरेन्द्र को वार्ड में यह कहते हुए ले गए कि वहीं उपचार होगा। जहां उपचार से संतुष्ट न होने के कारण आरक्षक निजी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचा। वहीं इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने स्टॉफ नर्स को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है, साथ ही वेतन काटने की भी चेतावनी दी गई है।

शिकायत की तो महिला चिकित्सकों ने लगाई फटकार
उपचार न मिलने से परेशान धीरेन्द्र द्वारा की गई शिकायत के बाद वार्ड में दो वरिष्ठ महिला चिकित्सक पहुंची और धीरेन्द्र को जमकर फटकार लगाई। धीरेन्द्र का कहना है कि उसके छोटे-छोटे बच्चे है, बीमार होने के कारण वह बैठ भी नहीं पा रहा था। अगर इस दौरान उसके साथ कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता। उसने बताया कि वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने चिकित्सकों पर कार्रवाई करने की जगह मुझे से खरी-खोटी सुनाई, जिसकी शिकायत मैं अपने अधिकारियों से करूंगा। जब मेरे साथ इस तरह का व्यवहार हुआ है तो और मरीजों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा।
इनका कहना है
मरीज धीरेन्द्र का मेरे पास आया था, मैंने चिकित्सकों को उसे देखने के लिए भी भेजा था। सुबह ड्यूटी बदलने का समय था, जिस कारण मरीज को परेशानी हुई होगी।

डॉ. ओ.पी. जाटव
विभाग अध्यक्ष, मेडिसिन विभाग

Updated : 21 April 2018 12:00 AM GMT
Next Story
Top