रोज तीन करोड़ के नकली नोट भारत भेजता है पाक

रोज तीन करोड़ के नकली नोट भारत भेजता है पाक
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$img_titleनई दिल्ली। पडोसी मुल्क पाकिस्तान के मामले में एक नया खुलासा हुआ है।  अभी तक तो ये समझा जाता था कि भारत में पाकिस्तान कि और से आतंकवादी ही आते थे लेकिन अब पता चला है कि पाकिस्तान भारत में रोजाना 3 करोड़ रुपये के जली नोट भेजता है।  राजधानी दिल्ली में मिली नकली नोटों की अब तक की सबसे बड़ी खेप की जांच में जुटी पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। पुलिस को पता चला है कि नकली नोटों के सौदागर पिछले दो साल से देश के अलग-अलग राज्यों में रोजाना तीन करोड़ रुपए भेज रहे थे। नकली नोटों की ये खेप रोजाना तीन अलग-अलग रास्तों से देश में भेजी जाती थी।
दिल्ली में बरामद सवा दो करोड़ से भी ज्यादा के जाली नोटों की खेप के साथ गिरफ्तार चार लोगों ने दिल्ली पुलिस को बताया कि सीमा पार से पिछले दो साल से रोजाना तीन करोड़ रुपये के जाली नोट देश में भेजे जा रहे थे। खास बात ये कि तस्करी के सहारे भेजे जा रहे ये जाली नोट रिजर्व बैंक के बताए गए 15 सुरक्षा प्वायंटों में से 11 प्वायंट पर खरे उतरते हैं।
इन जाली नोटों को देश भर में फैलाने के लिए सैकड़ों एजेंट काम कर रहे हैं। इन एजेंटों को अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। इन एजेंटों के पास सीमापार से तीन अलग-अलग रास्तों से जाली नोटों की खेप भेजी जाती है। पाकिस्तान में छप रहे इन नोटों को बाजार में चलाने के लिए हर मॉडयूल में आस मोहम्मद और जीशान जैसे कम से कम चार लोग हैं।
इन लोगों के पास देश में तीन रास्तों से जाली नोटों की खेप भेजी जाती है। पहला रास्ता है जम्मू के एलओसी के रास्ते। ये नोट दिल्ली, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चलाया जा रहा है। जाली नोटों को भेजने का दूसरा रास्ता है नेपाल की सीमा से। इस रास्ते से जाली नोट को भेजने के लिए कोरियर का सहारा लिया जा रहा है। इस रास्ते से आए जाली नोट पूर्वी उतर प्रदेश और बिहार में चलाए जा रहे हैं। जाली नोटों के आने का तीसरा रास्ता है मालदा। यहां जाली नोटों की खेप सूटकेस में आ रही है। यहां आए जाली नोटों की खेप पूर्वी बिहार, उत्तर पूर्वी राज्य और बंगाल में चलाई जा रही है।
जाली नोटों की इस खेप को कहां और कितनी संख्या में चलाना है इसका निर्देश सीमा पार से ही आता है। खास बात ये कि जाली नोटों को चलाने के लिए जिला स्तर पर उसी तरह के लोगों को एजेंट बनाया जाता है जिनके रिश्तेदार पाकिस्तान में बसे हैं। इस तरह के लोगों को एजेंट बनाए जाने के पीछे भी खास मकसद है।
मकसद ये कि ऐसे लोगों से उस जिले के सैनिक इलाकों की जासूसी भी कराई जाती है। जाली नोटों को चलाने वाले एजेंटों को पाकिस्तान में रह रहे उनके रिश्तेदारों के मुसीबत में आने का भय दिलाकर जासूसी के लिए मजबूर किया जाता है। इनका काम अपने इलाके के सैनिक ठिकानों की जानकारी और तस्वीरें पाकिस्तान भेजना है।
पकड़े गए जाली नोटों के तस्करों से पूछताछ में ये भी पता चला है कि जाली नोटों की तस्करी से आई रकम लश्कर ए तैयबा को दी जा रही है जिसे इस रकम से भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए जमीन तैयार करना होता है।

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