चिडिय़ाघर की तस्वीर बदलने की तैयारी, बन रहा है मास्टर प्लान, शीघ्र प्रारंभ होंगे विकास कार्य
ग्वालियर | नगर निगम प्रशासन द्वारा नए चिडिय़ाघर के लिए जहां शहर से दूर उपयुक्त जमीन की जलाश की जा रही है वहीं वर्तमान चिडिय़ाघर परिसर में व्यापक स्तर पर बदलाव की तैयारी भी की जा रही है। इसके लिए नया मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके अनुसार जल्द ही विकास कार्य प्रारंभ किए जाएंगे। आर्किटेक्ट दिनेश सिंह कुशवाह द्वारा बनाए जा रहे प्लान के अनुसार हिरण वन के रास्ते में स्थित विभिन्न पक्षियों के पिंजरे हटाए जाएंगे। इनमें कैद पक्षियों के लिए बारादरी की ओर बनाए गए नवीन द्वार के पास नए पिंजरे बनाए जाएंगे। हिरण वन की ओर जाने वाली सड़क की चौड़ाई कम की जाकर दोनों ओर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे तथा चिकने पत्थर लगाकर हिरण वन की दीवार को भी सुन्दर रूप दिया जाएगा। हिरण वन के पास पिलर खड़े करके ऊँचाई पर एक रेस्टोरेंट बनाने की भी योजना है, जहां चाय पीने के साथ सैलानी वन्य जीवों की गतिविधियां स्पष्ट रूप से देख सकेंगे। इसके अलावा चिडिय़ाघर से लगे नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग कार्यालय को बड़े रेस्टोरेंट के रूप में तब्दील किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय शीघ्र ही सिटी सेन्टर स्थित नए भवन में स्थानांतरित होने वाला है। इसके अलावा भविष्य में चिडिय़ाघर के पीछे स्वर्ण रेखा नदी के किनारे पड़ी खाली जमीन पर भी प्राकृतिक पक्षी घर और सर्प घर बनाने की भी योजना है। यहां तक पहुंचने के लिए स्वर्ण रेखा नदी पर दो पुल भी बनाए जाएंगे।
बदला वन्य जीवों का आहार:- सर्दी की दस्तक के साथ चिडिय़ाघर प्रबंधन ने वन्य जीवों को ठंड से बचाने के लिए जहां कई प्रकार के इंतजाम किए हैं वहीं आहार में भी बदलाव किया है। छोटे जानवरों और पक्षियों के पिंजरों में केनवास व घास के पर्दे लगाए गए हैं साथ ही धूप भी उपलब्ध कराई जा रही है। इनके आहार में भी बदलाव किया गया है। मौसम के अनुसार भोजन के रूप में इन्हें अनाज, दालें, हरी सब्जी, मौसमी फल आदि दिए जा रहे हैं, ताकि इनके अंदर ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। इसी प्रकार शेर, बाघ, तेन्दुआ, भालू आदि बड़े जानवरों के पिंजरों में जमीन पर लकड़ी के पटे बिछाए गए हैं। रात्रि में ठंड से बचाव के लिए हीटर लगाए गए हैं। हिरण प्रजाति के वन्य जीवों के लिए भी जमीन पर घास बिछाई गई है। सर्पों को गर्माहट देने के लिए बल्व लगाए गए हैं।
चैन्नई से आएंगे शुतुरमुर्ग:- चिडिय़ाघर में सफेद मादा बाघ, दरियायी घोड़ा (हिप्पो), बब्बर शेर, देशी नर व मादा भालू और दुर्लभ प्रजाति के आठ विदेशी पक्षी लाने के बाद अब चैन्नई से शुतुरमुर्ग नामक पक्षी का एक जोड़ा (नर व मादा) लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बारादरी की तरफ बनाए गए नवीन द्वार के पास इनक्लोजर बनाया जाएगा। शुतुरमुर्ग मुख्य रूप से अफ्रीका में पाया जाता है। यदि यह पक्षी यहां आ जाता है, तो मध्य भारत का यह पहला चिडिय़ाघर होगा, जहां सैलानियों को सुतुरमुर्ग देखने को मिलेगा।
लंगूर भी आएगा:- चिडिय़ाघर में लंगूर के लिए भी इनक्लोजर बनाया जा रहा है। किन्तु लंगूर कहां से आएगा? यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार चिडिय़ाघर को लंगूर उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा शिवपुरी के मुख्य वन संरक्षक एवं वन मण्डल अधिकारी को पत्र लिखा गया है। बताया गया है कि शिवपुरी के जंगलों में लंगूर बहुतायत में हैं, लेकिन समस्या यह है कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के अनुसार स्वच्छंद विचरण करने वाले किसी भी वन्य जीव को बंधक बनाने पर पूर्ण प्रतिबंध है। ऐसे में चिडिय़ाघर को किन्हीं विशेष परिस्थितियों में पकड़े जाने पर ही लंगूर मिल पाएगा। इसके लिए चिडिय़ाघर प्रबंधन को लम्बा इंतजार करना पड़ सकता है।
नए द्वार का शुभारंभ शीघ्र:- चिडिय़ाघर में सैलानियों के प्रवेश के लिए बारादरी की तरफ बनाया नया द्वार बनकर तैयार है, लेकिन इसके शुभारंभ में लंगूर के लिए बनाया जा रहा इनक्लोजर बाधक बना हुआ है। अपूर्ण स्थिति में पड़े इस इनक्लोजर का मलबा नए द्वार के सामने बिखरा पड़ा है। नगर निगम आयुक्त वेदप्रकाश ने आज चिडिय़ाघर का निरीक्षण किया और लंगूर के लिए बनाए जा रहे इनक्लोजर को शीघ्रता से पूर्ण कर दिसम्बर अंत तक नए द्वार का शुभारंभ करने तथा नए प्लान के अनुसार सभी कार्य जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।
मादा व नर शेर एक साथ:- पिछले साल नर व मादा बाघ को आपस में मिलाकर दो शावकों को पैदा कराने के बाद उत्साहित चिडिय़ाघर प्रबंधन ने अब नर व मादा बब्बर शेर को इनक्लोजर में एक साथ छोड़ दिया है। विदित रहे कि चिडिय़ाघर में मादा बब्बर शेर पहले से ही मौजूद है और पिछले दिनों रायपुर चिडिय़ाघर से एक नर बब्बर शेर लाया गया है। प्रजनन कराने की मंशा से इन दोनों को एक ही इनक्लोजर में रखा गया है। हालांकि मादा बब्बर शेर काफी उम्र दराज है। बावजूद इसके चिडिय़ाघर प्रबंधन इन दोनों के माध्यम से शावकों के जन्मने की उम्मीद पाले हुए है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
''चिडिय़ाघर परिसर में कुछ बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए नया प्लान तैयार किया जा रहा है। शीघ्र ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है। लंगूर के इनक्लोजर को पूर्ण कर शीघ्र नवीन द्वार का शुभारंभ भी किया जाना है। इसी सिलसिले में बुधवार को निगमायुक्त ने चिडिय़ाघर का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
एस.के. मित्तल
चिडिय़ाघर प्रभारी