चीन में व्यापार करना आसान : रतन टाटा
नई दिल्ली | भारतीय कारोबारी माहौल पर चिंता जताते हुए टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा का कहना है कि भारत की तुलना में चीन में व्यापार करना ज्यादा आसान है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग जगत में चीन को टक्कर देने की हिम्मत तो है लेकिन सरकार से सहयोग की कमी की वजह से वह चीन से मुकाबला नहीं कर पा रहा है। एक साक्षात्कार के दौरान टाटा ने कहा कि उनके समूह ने विस्तार के लिए अन्य उभरते बाजारों में संभावनाएं तलाशी लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नौकरशाही के मामले में शिकायतों को दूर करने में नाकाम रहे। यही वजह रही कि उन्हें विदेश की ओर रूख करना पड़ा। गौर हो कि टाटा का यह बयान उस समय आया है जब सरकार इस समय कई आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है। इनमें बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र (एफडीआई),बीमा और विमानन क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलना शामिल है। टाटा ने कहा कि सरकार के सहयोग में भारी अंतर है। अगर हमारे उद्योग को उसी तरह का प्रोत्साहन दिया जाता जैसा कि चीन में दिया जाता है तो मुझे लगता है कि भारत निश्चित तौर पर चीन से प्रतिस्पर्धा कर सकता। टाटा के इन हाउस प्रकाशन में एक अलग इंटरव्यू में टाटा ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री को समूह के नैतिक मूल्यों के साथ समझौता नहीं करने के एक बड़े संघर्ष से जूझना पड़ेगा।