चीन के विरुद्ध भारत बढ़ायेगा अपनी सैन्य क्षमता
वाशिंटन। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने 15 दिनों से भी कम समय में दूसरी बार यह दावा किया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक तेवर को देखते हुए भारत उसके खिलाफ अपनी सेना को मजबूत करने की योजना बना रहा है।
सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी के निदेशक रोनाल्ड एल बर्गेस ने बताया कि यद्यपि भारत-चीन की विवादित सीमा पर फिलहाल शांति है। उसके बावजूद भारत-चीन दिन प्रतिदिन बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर चिंतित हैं। यही वजह है कि वह अपनी सैन्य क्षमताओं में इजाफा कर रहा है।
उन्होंने सांसदों को बताया कि भारत चीन के खिलाफ अतिरिक्त सैन्य बलों का आकार बढ़ाने के साथ ही अपने शस्त्रागार में अत्याधुनिक हथियारों की संख्या भी बढ़ायी जा रही है। चीन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए उसने सीमा पर कई लड़ाकू विमानों को तैनात कर रखा है। इतना ही नहीं भारत अपनी बैलिस्टिक मिसाइल की विश्वसनीयता और क्षमताओं की पुष्टि करने और इसे बेहतर करने के लिए नियमित अंतराल पर परीक्षण कर रहा है। हाल ही में भारत ने दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल को नष्ट करने में सक्षम इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
इस विषय पर बर्गेस ने कहा कि भारत परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम छह हजार किमी की दूरी की मारक क्षमता वाले अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल [आइसीबीएम] का विकास करने का दावा कर रहा है। वह जल्द ही इसका परीक्षण भी करने वाला है।
इससे पहले अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के निदेशक जेम्स क्लैपर ने कहा था कि भारत चीन के साथ सीमित संघर्ष की तैयारियों के तहत अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है।