भारत और चीन के साथ मजबूत संबंध चाहता है अमेरिका


वाशिंगटन। अमेरिका भारत और चीन के साथ सशक्त संबंध चाहता है। इस संबंध में अमेरिका ने कहा है कि भारत और चीन के साथ सम्बंध किसी एक पक्ष का फायदा और दूसरे का नुकसान नहीं हैं और वह एशियाई धुरी के हिस्से के रूप में के उन दोनों देशों से रिश्ते मजबूत कर रहा है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, "अमेरिका अपनी एशियाई धुरी के मध्य में है... हम एशियाई देशों, खासतौर से भारत, चीन जैसी उभर रही ताकतों के साथ अपने सम्पर्क बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं।" चीनी प्रभाव सीमित करने के अमेरिकी प्रयासों में भारत के रणनीतिक महत्व के बारे में एक पूर्व शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के विचारों पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर टोनर ने कहा, "ये ऎसे सम्बंध हैं, जो पूरी अगली सदी के लिए एशिया के साथ हमारे जु़डाव की रूपरेखा तय करने जा रहे हैं।"
टोनर ने कहा, "यह किसी एक पक्ष के फायदे और दूसरे के नुकसान की बात नहीं है। हमने भारत के साथ अपरिहार्य साझेदारी के बारे में बार-बार बात की है, और राष्ट्रपति ओबामा ने 2010 में अपनी भारत यात्रा के दौरान इसका जिक्र किया था।" टोनर ने कहा, "हम दोनों देशों के साथ मजबूत सम्बंध चाहते हैं, और हम सभी को एकसाथ काम करने की आवश्यकता है। हमारे बीच असहमति के मुद्दे हमेशा रहेंगे, लेकिन हमारे पास सामूहिक हित के महत्वपूर्ण क्षेत्र भी हैं।"
अमेरिकी खुफिया प्रमुख जेम्स क्लैपर के उस आकलन के बारे में पूछने पर, जिसमें उन्होंने भारत और चीन के बीच सीमित संघर्ष की आशंका जाहिर की थी, टोनर ने कहा, ""हम सिर्फ यह दोहरा सकते हैं कि हम भारत और चीन, दोनों के साथ मजबूत, रचनात्मक सम्बंधों के लिए प्रतिबद्ध हैं।" टोनर ने कहा, "और हमें एकसाथ काम करने की जरूरत है, जैसा कि मैंने कहा कि हम सभी सामूहिक खतरों को सुलझाने जा रहे हैं और सामने खडी सामूहिक चुनौतियों से निपटने जा रहे हैं।"

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