यूपीए ने सर्वसम्मति बनाने का प्रयास नहीं किया: आडवाणी
राष्ट्रपति पद के चयन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी ने कहा कि यूपीए ने किसी एक प्रत्याशी पर सर्वसम्मति बनाने की कोशिश नहीं की. अगले माह होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रणव मुखर्जी के मुकाबले पीए संगमा की उम्मीदवारी का समर्थन किए जाने के भाजपा के फैसले की पैरवी करते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने सोमवार को कहा कि किसी एक प्रत्याशी पर सर्वसम्मति बनाने की जिम्मेदारी सत्तारूढ़ गठबंधन संप्रग की थी, लेकिन उसकी ओर से ऐसा कोई प्रयास नहीं किया गया. आडवाणी ने कहा, राजनीतिक जमात में इन दिनों यह कहा जाना ‘‘फैशन’’ सा हो गया है कि शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उम्मीदवार सरकार और विपक्ष के बीच सामंजस्य से सर्वसम्मति से होना चाहिए. राजग के कार्यकारी अध्यक्ष ने अपने नए ब्लाग में लिखा, ‘‘भाजपा में हम पर अक्सर यह सवाल दागा जाता है कि क्या कांग्रेस के मुखर्जी के खिलाफ दो मुख्यमंत्रियों द्वारा समर्थित संगमा को समर्थन दिया जाना कुछ अनुचित नहीं है? मैं मानता हूं कि इस प्रश्न का उत्तर पूरी तरह सत्तारूढ़ दल के आचरण पर निर्भर करता है.’’