जनमानस
धोखा खाना हमारी आदत है
हम भारतीय बहुत भोले हैं। तनिक में खुश और तनिक में रुष्ट हो जाते हैं। अतिउत्साही भी हैं। दुश्मन से दोस्ती करने के लिए भी हर पल व्याकुल रहते है। यही कारण कि धोखा, फरेब, दगाबाजी हमारे साथ अक्सर होती ही रहती है। कभी दुश्मन पीठ में छुरा भौंक देता है कभी पड़ोसी धोखा देता है। पाकिस्तान ही नहीं विश्व के लगभग सभी बड़े देश यानि चीन, इंग्लैंड, अमरीका सभी हमारे साथ धोखा और दगाबाजी करते है। पाकिस्तान तो जगजाहिर धोखेबाज और गद्दार देश है। जिसका जन्म ही दगाबाजी और गद्दारी के धरातल और मनोवृत्ति पर हुआ है। जिसकी रग-रग में 14 अगस्त 1947 से आज तक दुर्भावना और गद्दारी का लहू दौड़ता रहा है। उससे वफादारी और दोस्ती की आशा ही क्यों करना? क्यों हम बार-बार यह अरण्यरुदन करते है कि पाकिस्तान ने हमारे साथ धोखा किया ? यह क्यों नहीं मानते कि अतिउत्साह में दोस्ती की अवश्यक चाहत में हम धोखे पर धोखा खाते रहे और अपनी नियति को बार-बार अपना दुर्भाग्य मान कर कोसते रहे। हमें समझ में नहीं आता कि हम पाकिस्तान से सावधान और सर्तक रहने के स्थान पर उससे दोस्ती करने के लिए इतने व्याकुल क्यों रहते है? बार-बार धोखा खाने के बाद भी दोस्ती की चाहत क्यों रखते हैं? क्या अपनी इस कमजोरी से हमारी जग हंसाई नहीं होती? सवरजीतसिंह के मामले में ही नहीं पाकिस्तान भारत से सभी मामलों में धोखा कूटनीति और सौदेबाजी करता है और हम उसके जाल में बार-बार फंस जाते है।
दिलीप मिश्रा, ग्वालियर
तिहाड़ का शाही मेहमान अबू जिन्दाल
मुम्बई हमले का मास्टर माइंड आतंकी हाल ही में पकड़ा गया है। अवू जिन्दाल उर्फ हमजा जो देश के एक विधायक फौजिया खान के निवास पर शरण पाए रहा और हमें पता नहीं तुर्रा विधायक को इसका पता नहीं ऐसा बयान और जिम्मेदाराना है। मुम्बई हमले का यह दूसरा बड़ा आतंकी हमारी गिरफ्त में है इससे पाक के मंसूबे का पता चलता है। क्या? अब भी केन्द्र सरकार आतंकी राष्ट्र पाक के खिलाफ सशक्त कार्यवाई करेगा, अथवा तिहाड़ जेल में अफजल, कसाब के बाद तीसरा शाही मेहमान के रूप में अवू जिन्दाल को चिकन बिरयानी परोस कर खिलाएगी तमाम सबूतों के बाद भी आतंकी राष्ट्र के खिलाफ कार्यवाई न करना कांग्रेसी केन्द्रीय सरकार की नाकामी प्रस्तुत करती है।
बी.एस. विद्रोही, ग्वालियर