चीन नीलाम करेगा भारत का तेल ब्लॉक
नई दिल्ली | चीन ने एक बार फिर भारत को दक्षिण चीन सागर विवाद में घसीटने की कोशिश की है। ताज़ा मामले में चीन ने एक वियतनामी पेट्रोलियम ब्लॉक की नीलामी का ऐलान कर दिया है जबकि इस ब्लॉक में भारतीय तेल कंपनी तेल की खोज कर रही है। लेकिन चीन के ताज़ा कदम से भारत नए राजनयिक विवाद में फंसता नज़र आ रहा है। विवाद की जड़ में दक्षिण चीन सागर का ब्लॉक नंबर 128 है। इसका ठेका भारतीय कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) के नाम है। 128 नंबर ब्लॉक समेत कुल 9 ब्लॉक को चीन के चाइना ऑफशोर ऑयल कॉरपोरेशन ने अंतरराष्ट्रीय नीलामी के लिए सामने रखा है। कुछ महीने पहले ओवीएल ने तेल न मिलने की वजह से ब्लॉक नंबर 128 में तेल खोजने का काम कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने की वजह से बंद कर दिया था। लेकिन पेट्रोवियतनाम ने ओवीएल के साथ दो साल का कॉन्ट्रैक्ट फिर कर लिया, जिसके बाद से इस ब्लॉक में तेल खोजने का काम फिर शुरू हुआ था। दरअसल, वियतनाम चाहता है कि भारत इस पेट्रोलियम ब्लॉक से न हटे और तेल की खोज का काम जारी रखे। भारत ने दक्षिणी चीन सागर को लेकर अपने पुराने रुख को बदलते हुए 'अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार संसाधनों के इस्तेमाल' पर जोर देने की बात कही है। भारत का रुख चीन की तरफ से उस ब्लॉक की नीलामी के फैसले के बाद बदला है, जिसे पहले ही वियतनाम ने भारत को दे दिया है। अब भारत सरकार को इस मुद्दे पर अपनी राजनयिक स्थिति साफ करनी है। पाकिस्तान भी इस मुद्दे पर चीन के साथ नज़र आ रहा है। गौरतलब है कि चीन दक्षिणी चीन सागर पर इतिहास का हवाला देकर अपना दावा पेश करता रहा है। उसका कहना है कि इस समुद्र पर सिर्फ उसका हक है। जबकि इस क्षेत्र के वियतनाम जैसे अन्य देश चीन के दावे का विरोध करते हैं और इस क्षेत्र के सभी देशों का दक्षिणी चीन सागर पर हक जताते हैं।