जनमानस
कांग्रेस भी राष्ट्रद्रोही
अण्णा समर्थक कार्टूनिष्ट असीम त्रिवेदी पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। वजह अपने कॉर्टून में संसद को टॉयलेट एवं अशोक चिन्ह की प्रतिभा के शेर की मूर्ति की जगह सियार की मूर्त एवं ''सत्यमेव जयते के स्थान पर भ्रष्टमेव जयते लिखा है। कॉर्टून विधा पैना कटाक्ष करने विसंगतियों पर प्रहार करने के लिए ही ईजाद की गई है। कलाकार साहित्यकारों पर लोकतांत्रिक देश में इस तरह के प्रतिबंध उपरोक्त दृष्टिकोण से देखा जाए तो कांग्रेस से बड़ी राष्ट्रद्रोही पार्टी दूसरी नहीं है जो आपकी पार्टी के ध्वज के स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग ही नहीं दुर्पयोग कर रही है। पहले 'चरखा और अब पंजा राष्ट्रीय ध्वज के प्रतीक चक्र के स्थान पर अंकित किया है। क्या? यह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं है? अजमल कसाब-आतंकी पर 50 करोड़ खर्च करना, फांसी को टालना राष्ट्रद्रोह नहीं है? भारतीय कानून आई.पी.सी. धारा 124 -ए तमाम राष्ट्रों ने खत्म कर दी है। लेकिन भारत में आज भी बदस्तूर जारी है। राष्ट्रीय ध्वज किसी पार्टी का ध्वज नहीं होना चाहिए क्योंकि चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद झण्डी बैनरों का उपयोग वाहनों को पोंछने के लिए किया जाता है। और फेंक दिया जाता है। और सायकल, रेड़ा, ठेला सभी पर लगाकर घूमते हैं जो उचित नहीं है।
कुवर वी.एस. विद्रोही, ग्वालियर