जेठमलानी ने भाजपा संसदीय बोर्ड के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया
नई दिल्ली | बीजेपी से निकाले गए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने बीजेपी संसदीय बोर्ड के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर की है। अपनी अर्जी में जेठमलानी ने मांग की है कि उनका पार्टी से निष्कासन फौरन रद्द किया जाए। जेठमलानी ने नरेंद्र मोदी और अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों से 50-50 लाख रुपये का हर्जाना भी मांगा है।
दाखिल याचिका में जेठमलानी ने 11 सदस्यीय बोर्ड के 9 सदस्यों को प्रतिवादी बनाते हुए हर एक से 50 लाख मुआवजे की भी मांग की है। यानी बीजेपी को इसके मुताबिक 4.5 करोड़ रुपये का हर्जाना देना पड़ सकता है।
जेठमलानी ने कहा है कि उनका निष्कासन संविधान के खिलाफ है और ये उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसा किया गया है। जेठमलानी मोदी के करीबी समझे जाते हैं और माना जाता है कि बीजेपी की तरफ से राज्यसभा की सीट उन्हें मोदी के कहने पर ही मिली थी।
राज्य सभा सांसद और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अनुशासनहीनता के मसले पर मई 2013 में बीजेपी से निकाले गए थे। मई 2013 में बीजेपी संसदीय बोर्ड ने जेठमलानी को छह साल के लिए बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। उन पर पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा में नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के खिलाफ बयानबाजी का आरोप था।