जनमानस

मोदी विरोध में अंधे हो रहे शिंदे और नीतीश

शिंदे का बयान 'आई एम मेरी सुनता तो बहुत दंगे होते और नीतीश की प्रतिक्रिया 'आतंकवादियों ने सफल कराई हुंकार रैली लोकतंत्र और संविधान का दुर्भाग्य है कि देश का गृहमंत्री और बिहार राज्य के मुख्यमंत्री ऐसा बोलने के बाद भी राष्ट्र अपराधी घोषित नहीं किए जाते और न ही इनको इनके पद से हटाया जाता। सही मायने में शिंदे और नीतीश की ऐसी बयानबाजी का मतलब है कि वे आई एम और आतंकवादियों के खिलौनों से खेल रहे हैं और इन खिलौनों को राजनीतिक दांव भी बना रहे हैं। नरेन्द्र मोदी की खिलाफत में अंधे हो रहे गृहमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री किसी भी हद तक गिरने को तैयार हैं। सुशासन बाबू की उपमा में नीतीश भाजपा से अलग होने के बाद खलनायक की भूमिका में सामने आ गए हैं और जहां तक गृहमंत्री का सवाल है तो उनके पास राष्ट्रविरोधी बयानों का बवंडर ही एकमात्र पूंजी है।

हरिओम जोशी, भिण्ड

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