भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए

बजरंग दल ने मनाया शौर्य दिवस
दतिया | अयोध्या में बावरी ढांचा के ढहाने के उपलक्ष्य में आज दतिया शहर में नजियाई बाजार रामजानकी मंदिर पर शौर्य दिवस मनाया गया। बजरंग दल द्वारा आयोजित इस शौर्य दिवस में सैकड़ों कार्यकर्ता स्थान हनुमान गढ़ी मंदिर पर एकत्रित हुए। इस अवसर पर एक विचार सभा का भी आयोजन किया गया। जिसमें सबसे पहले राम जन्म भूमि आंदोलन में शहीद होने वाले कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बजरंग दल के जिला संयोजक अरविन्द जोशी ने कहा कि रामजन्म भूमि स्थल पर मंदिर का निर्माण हो चुका है। मूर्ति स्थापित हो चुकी है एवं प्रतिदिन पूजा अर्चना भी होती है। अब तो सिर्फ मंदिर को भव्य बनाया जाना शेष है। इसके लिए हमें कानून एवं देश की न्याय व्यवस्था का सम्मान करते हुए संकल्पबद्ध होकर प्रयास करना होगा, तभी भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। श्री जोशी ने कहा कि हम न तो किसी मजहब के विरोधी हैं न किसी धर्म स्थल के। अगर कोई राम व बाबर की तुलना करने का कुचक्र करेगा तो इसे कदाचित बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राम पौराणिक काल से समूचे भारत क ी आस्था का प्रतीक हंै। जबकि बाबर सिर्फ एक विदेशी लुटेरा था। जिसका भारत से कोई सरोकार नहीं था। लेकिन वर्तमान में कुछ स्वार्थी राजनैतिक पार्टियां देश में संकीर्ण राजनीति करते हुए राम व बाबर को समकक्ष रखकर राष्ट्र की एकता को खण्डित करने की घिनौनी करतूत कर रही हैं। जिससे हमें सचेत रहना होगा। आगे उन्होंने कहा कि जब तक हमारे भगवान श्रीराम एक तम्बू में बैठे हैं तब तक हम भी सुख से नहीं बैठेंगे। इस अवसर पर उन्होंने शौर्य दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि पुरातात्विक जांच में विवादित स्थल पर सिर्फ मंदिर होने की पुष्टि हुई है। इसलिए वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। मैथली दुबे ने कहा कि हम तो निमित्त मात्र हैं। जो कुछ हो रहा है सब भगवान श्रीराम की इच्छा से ही संचालित हो रहा है। राम मंदिर निर्माण में हमारी भूमिका उस गिलहरी की तरह है जिसने रामसेतु निर्माण के लिए छोटे-छोटे कंकण समुद्र में डाले थे। इसी क्रम में अजीत परमार ने कहा कि 6 दिसम्बर 1992 को हिन्दुओं पर लगे हुए कलंक को हिन्दू समाज ने धो दिया। उसी खुशी एवं विजय को मनाने के लिए हिन्दू समाज शौर्य दिवस का कार्यक्रम देशभर में मनाता है। इस अवसर पर दिलीप भारती, राजीव पाठक, कृष्णा गुप्ता, मलखान रावत, आशीष साहू, नीरज कुशवाहा, अंकित शर्मा, राजेन्द्र नामदेव, नरेन्द्र साहू, दीपक सोलंकी, साकेत प्रजापति, प्रदीप जाटव, शिवराम दांगी, कुलदीप राजा परमार, अरूण जोशी, कपिल सोलंकी, आशीष साहू, अजीत सिंह परमार आदि सैकड़ों की संख्या में रामभक्त कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

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