चेनाब नदी पर बनेगा विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे को जम्मू कश्मीर में 2016 तक चेनाब पुल का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है जो विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल होगा। रियासी जिले में चेनाब नदी पर बनने वाला यह मेहराबदार पुल नदी के तल से 359 मीटर ऊपर और कुतुब मीनार से पांच गुना ऊंचा होगा। यह बारामूला और श्रीनगर को उधमपुर-कटरा-काजीगुंड के जरिए जम्मू से जोड़ेगा। इससे समूचा रास्ता करीब सात घंटे में तय किया जा सकेगा। व्यवहार्यता और सुरक्षा चिंताओं जैसे विभिन्न मुद्दों की शिकार हुई यह महत्वाकांक्षी योजना आखिकरकार खंभों के निर्माण के साथ शुरू हो गई है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के सीएओ बीडी गर्ग ने कहा, ‘हमारी योजना इसे समूची उधमपुर-बारामूला पट्टी के शुरू होने से पहले दिसंबर 2016 तक पूरा करने की है।’ इस 1’315 मीटर लंबे अभियांत्रिकी अजूबे में विस्फोट एवं भूकंप रोधी गुणों के साथ ही इस तरह की सिग्नल प्रणाली लगी होगी। जिससे इसकी ऊंचाई पर तेज हवाओं का ट्रेन पर कोई प्रभाव नहीं पड़े। गर्ग ने कहा, ‘पुल पर एनेमोमीटर लगा होगा जो पुल स्थल पर हवाओं की गति को नापेगा और किसी हवा की रफ्तार निर्धारित गति से अधिक होने पर यह स्वत: ही इसके अनुरूप ट्रेन की गति को संचालित कर देगा।’ पुल पर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। पुल की उम्र 120 साल होगी।
पुल के आकार के बारे बताते हुए गर्ग ने कहा कि इसे मेहराबदार ढ़ाचा दिया जा रहा है। इस ढांचे को अधिक बेहतर माना जाता है क्योंकि यह कंकरीट ढांचे के विपरीत भूकंपीय बल को सहन कर सकता है। उन्होंने कहा कि अन्य ढांचों के मुकाबले इसका निर्माण रखरखाव तथा इस्पात ढांचे की मरम्मत करना आसान है। सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील होने के कारण पुल का डिजाइन विशेष रूप से तैयार किया गया है। यदि ढांचे से कोई एक चीज भी निकल जाती है तब भी यातायात जारी रह सकता है और ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटे की सीमित रफ्तार से चल सकती है। उन्होंने कहा, ‘यदि इसका कोई खंभा अलग हो जाए तो भी पुल नहीं ढहेगा और जरूरी मरम्मत के बाद पुल को सामान्य संचालन के लिए फिर से शुरू करना संभव होगा।’