इसी साल शुरू होगा भारत का पहला मंगल मिशन: राष्ट्रपति

नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत मंगल ग्रह के लिए अंतरिक्ष मिशन इसी साल शुरू करेगा। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि 2013 में कई अंतरिक्ष मिशन शुरू करने की योजना है, जिसमें मंगल ग्रह के लिए प्रथम मिशन तथा प्रथम नेविगेशनल उपग्रह का प्रक्षेपण भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम हमारी वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक है और इससे देश को कई क्षेत्रों में फायदा हुआ है। नौ सितंबर 2012 को पोलर उपग्रह प्रक्षेपण यान का प्रक्षेपण हमारा 100वां अंतरिक्ष मिशन था। राष्ट्रपति ने बताया कि हर मौसम में प्रतिबिंबन क्षमता वाला भारत का प्रथम सुदूर संवेदी उपग्रह रीसैट-1 को भी 2012 में प्रक्षेपित किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार एक समर्पित भूकंप विज्ञान अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित कर रही है और सरकार ने पूर्ववर्ती परिवर्तनों के अध्ययन के लिए महाराष्ट्र के भूकंप संभावित कोयना-वारना क्षेत्र में अनूठा अनुसंधान कार्यक्रम प्रारंभ किया है।
मुखर्जी ने कहा कि भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली को अक्टूबर 2012 में हिन्द महासागर क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय सुनामी सेवा प्रदाता के रूप में मान्यता प्रदान की गयी। अंटार्कटिका में भारत के तीसरे स्थायी स्टेशन को मार्च 2012 में चालू किया गया।


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