जनमानस
हेडली और इब्राहीम अभी तक जीवित क्यों?
अमेरिका में शिकागो की एक अदालत ने मुम्बई आतंक हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में शामिल रहने का दोषी पाए गए पाकिस्तान मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कॉलमेन हेडली को 35 साल की सजा सुनाई। इसके पहले हेडली ने अमेरिकी सरकार के जांचकर्ताओं के साथ समझौता किया, जिसके चलते वह मौत की सजा से बच गया।
उसने यह भी समझौता किया कि उसे भारत सरकार को नहीं सौंपा जाए। क्योंकि यहां उसे फांसी की सजा हो सकती है। इस पर अमरीका तैयार हो गया। अमरीकी जांच एजेंसी एफ.बी.आई. (फेड्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन) ने 52 वर्षीय हेडली को अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार किया था। इसके पहले भी हेडली अफीम एवं नशीले पदार्थ बेचने के जुर्म में अमेरिका में सजा काट चुका था।
फिर उसने पाकिस्तान के लश्करे तोईबा आतंकी गुट से मिलकर अजमल कसाब एण्ड पार्टी से मुम्बई के ताज होटल में बम विस्फोट करवाया, जिसमें 200 लोग मारे गए। जिसमें 6 अमरीकी थे। हेडली को अमेरिकी अदालत ने 14 मामलों में दोषी सिद्ध किया।
हेडली ने कबूला कि सन् 2005 से उसने और पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्करें तैयबा के साथ मिलकर भारत की सैकड़ों बार यात्राएं की एवं पांच सितारा होटलों में रुककर उसने भारत के सभी आतंकी संगठन जैसे हिजबुल मुजाहिदीन, कश्मीर लिबरेशन फ्रन्ट, जैश-ए-मोहम्मद, सिमी जैसे दर्जनों मुस्लिम आतंकी लड़कों को लाखों रुपए देकर बम विस्फोट का बारूद आर.डी.एक्स, ए.के. 47 मशीन गन, ग्रेनेड, चमचमाती नई कारें दी। अजमल कसाब और अफजल गुरु को तो फांसी हो गई पर ये दोनों अभी तक जिंदा क्यों? और अमेरिका और पाकिस्तान से इन्हें भारत में क्यों नहीं लाया गया?
देवव्रत चौधरी, इन्दौर