जनमानस
डीजल की मूल्य वृद्धि से महंगाई
डीजल का उपयोग वस्तुओं की आवाजाही में होता है। इसलिए जब भी डीजल की कीमत में इजाफा होता है तो वस्तुओं की कीमतों में भी वृद्धि हो जाती है। जिससे महंगाई बढ़ती है। इसलिए महंगाई रोकने के लिए यह आवश्यक है कि डीजल की कीमतों में वृद्धि न की जाए।
डीजल की सब्सिडी खत्म करने से महंगाई बढ़ती है जबकि सरकार अन्य कई प्रकार की सब्सिडी भी देती है जिनका योग डीजल पर दी जाने वाली सब्सिडी से कहीं अधिक है जैसे कि संसद कार्यालयों में चलने वाली कैटीनों को मिलने वाली सब्सिडी। इसमें लाभ सांसदों और उन कर्मचारियों को मिलता है जिन्हें लाखों रुपए में वेतनभत्ते मिलते हंै। ऐसी सब्सिडी को खत्म करने से महंगाई नहीं बढ़ेगी और आम जनता की जेब नहीं कटेगी इसलिए सब्सिडी को पहले खत्म किया जाना चाहिए। इसके अलावा कैरोसिन तेल पर आज सरकार 33.43 रु. प्रति लीटर की सब्सिडी दे रही है। इस तेल का उपयोग स्टोव या लैम्प जलाने में कोई नहीं कर रहा है। इसका अधिकांश भाग काला बाजारी में होता है जिसका लाभ डीलरों को अधिक होता है जो अधिकतर राजनीति दलों के कार्यकर्ता हैं। काला बाजारी कर तेल की डीजल के साथ मिलावट की जाती है जिससे प्रदूषण भी होता है। अत: यदि केरोसिन पर सब्सिडी खत्म की जाती है तो सरकार का घाटा कम होगा और प्रदूषण भी कम होगा। डीजल से पहले केरोसिन तेल पर से सब्सिडी खत्म की जाना चाहिए। यह जनता के हित में है।
लालाराम गांधीनगर