घरेलू हिंसा के आरोपों को लेकर केरल के वन मंत्री ने दिया इस्तीफा
तिरुअनंतपुरम | केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार में मंत्री केबी गणेश कुमार ने पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा के आरोप लगाए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया है। गणेश कुमार की पत्नी यामिनी थनकाची ने उनपर पिटाई और मानसिक यातना देने का अरोप लगाया था।
इससे पहले एक नाटकीय घटनाक्रम में गणेश कुमार ने यामिनी पर अपनी पिटाई करने का आरोप लगाकर परिवार अदालत में तलाक की अर्जी दी थी। हालांकि इसके कुछ घंटों बाद ही उनकी पत्नी यामिनी थनकाची ने भी मंत्री पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया। यामिनी का कहना है कि वह पिछले 16 साल से मंत्री द्वारा घरेलू हिंसा का शिकार हो रही है। उसका कहना है कि मुख्यमंत्री ओमान चांडी से भी उसे न्याय नहीं मिला, जिन्होंने इस मामले को सुलझाने का भरोसा दिया था। दिन भर चले इस नाटकीय घटनाक्रम में सबसे पहले अदालत में दायर अर्जी में मंत्री ने कहा था कि गत 22 फरवरी को उनकी पत्नी ने निजी स्टाफ के सामने जमकर पिटाई की थी।
मंत्री के शरीर पर चोटों के निशान वाली तस्वीरें सोमवार को मीडिया के समक्ष जारी किए गए। मंत्री ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक विरोधियों के समर्थन से पत्नी उन्हें ब्लैकमेल कर रही है, जिसने उन्हें उन्हें शारीरिक चोट पहुंचाई और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ओमन चांडी के खिलाफ मंगलवार को केरल विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने चांडी पर मंत्रिमंडल के अपने पूर्व सहयोगी के. बी. गणेश कुमार पर उनकी पत्नी द्वारा लगाए गए घरेलू हिंसा की शिकायत के मामले में उचित कार्रवाई न करने के आरोप लगाए।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो के सदस्य कोडियेरी बालाकृष्णन ने चांडी के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की। बालाकृष्णन ने कहा, "गणेश कुमार तो पेशेवर अभिनेता हैं, लेकिन चांडी ने भी इस मामले में कमाल का अभिनय किया है। हम उन्हें इसके लिए ऑस्कर दिए जाने की सिफारिश करते हैं। उन्होंने यह कहकर कि 'कुमार की पत्नी ने कोई शिकायत नहीं की इसलिए वह कुमार का इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकते', विधानसभा को गुमराह किया।"
बालाकृष्णन ने चांडी द्वारा धोखा दिए जाने की यामिनी की बात का हवाला देते हुए चांडी से पद छोड़ने की मांग भी की।इस पर चांडी ने कहा कि उन्होंने कुमार और यामिनी के बीच मतभेदों को खत्म करने के सारे प्रयास किए। नेता प्रतिपक्ष वी. एस. अच्युतानंदन ने मुख्यमंत्री द्वारा कुमार को बचाए जाने को दुर्भाग्यजनक बताया और चांडी के इस्तीफे की मांग करते हुए विधानसभा से बहिगर्मन कर गए।
विधानसभा के बाहर माकपा की युवा शाखा चांडी के इस्तीफे की मांग को लेकर धरने पर बैठ गई। प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने के बाद उनकी पुलिस से झड़प भी हुई।