जेल में चले चाकू, कैदी घायल
ग्वालियर | केन्द्रीय जेल में बीती रात एक कैदी ने दूसरे पर चाकू से वार कर उसे घायल कर दिया। घायल कैदी को गंभीर अवस्था में जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जेल में चाकू चलने की घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आखिर जेल के अंदर चाकू पहुंचा कैसे? इस घटना से जेल की सुरक्षा व्यवस्था में लगे जवानों की सतर्कता पर भी सवालिया निशान लग गए हैं।
जानकारी के अनुसार केन्द्रीय जेल की बैरक क्र.-2/1 में भिंडी उर्फ निखिल पुत्र राजू और सुधीर पुत्र प्रकाश बाल्मीक बंद हैं। दोनों विचाराधीन कैदी हैं। भिंडी आबकारी एक्ट और धारा 327, 294, 506 के तहत जेल में बंद है। वह 20 फरवरी को जेल में आया था। वहीं सुधीर वाल्मीक धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद है। वह 15 फरवरी को जेल में आया था। रविवार-सोमवार की दरम्यिानी रात करीब 12:45 बजे भिंडी सो रहा था। इसी दौरान सुधीर ने भिंडी की गर्दन और पीठ पर चाकू से वार कर दिए। भिंडी ने चीखना शुरू कर दिया। साथी कैदियों ने सुधीर को पकड़ लिया और चीखने की आवाज सुनते ही ड्यूटी पर मौजूद जवान वहां पहुंच गए। जवानों ने तुरन्त वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। रात्रि में ही भिंडी को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सोमवार सुबह तक भिंडी की हालत में सुधार होने लगा था। लेकिन भिंडी अभी बोलने की स्थिति में नहीं है। झगड़े का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। जांच में जुटी पुलिस अब भिंडी के मुंह खुलने का इंतजार कर रही है।
दो घण्टे पहले ली थी बैरक की तलाशी
इस घटना में चौंकाने वाली बात यह है कि जिस समय घटना हुई उससे दो घण्टे पूर्व ही करीब आधा दर्जन बैरकों की तलाशी जेलर के नेतृत्व में पुलिस जवानों ने ली थी। जिस बैरक में घटना हुई। उसकी भी तलाशी ली गई थी। जब तलाशी ली गई तो सुधीर के पास चाकू कैसे रह गया?
'' बैरक क्र.-2/1 में एक कैदी ने दूसरे कैदी को लोहे की पत्ती से घायल कर दिया है। चाकू से वार नहीं किया गया। उसने लोहे की पत्ती को घिस-घिसकर चाकू का रूप दे दिया था। घटना से पूर्व तलाशी भी ली गई थी। अभी तक झगड़े का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
एम.एस. पाल
जेलर, केन्द्रीय जेल