भारत-चीन सीमा संबंधी मुद्दों का हल खोजने में सक्षम

भारत-चीन सीमा संबंधी मुद्दों का हल खोजने में सक्षम

नई दिल्ली | चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने कहा कि भारत और चीन में सीमा संबंधी मसलों का परस्पर स्वीकार्य समाधान खोजने की समझ है और दोनों देशों ने इस विवादास्पद मसले पर बातचीत से गुरेज नहीं किया है।
ली ने द्विपक्षीय व्यापार घाटा कम करने के लिए अनुकूल व्यापार संतुलन को समर्थन देते हुए कहा कि चीन अपने उद्योगों को भारत में निवेश बढाने के लिए समर्थन देगा और भारतीय उत्पादों की चीनी बाजार में पहुंच बनाने में मदद करेगा। व्यापार असंतुलन इस समय 30 अरब डॉलर है। कहा कि चीन सीमा पार नदियों समेत भारत के साथ लंबित मसलों को ईमानदारी से सुलझाना चाहता है। उन्होंने दोनों पड़ोंसी देशों के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों का समर्थन किया।
ली ने भारत और चीन के बीच अनुकूल व्यापार संतुलन का समर्थन और व्यापार घाटा कम करने की मांग करते हुए कहा कि बीजिंग चीनी उद्योगों को भारत में निवेश बढाने में समर्थन देगा और चीनी बाजार में पहुंच बनाने में भारतीय उत्पादों की सहायता करेगा।
चीन के प्रधानमंत्री ने यहां फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय उद्योग जगत को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग एक नई मिसाल कायम करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन ने सीमा संबंधी मसलों पर चर्चा से गुरेज नहीं किया है। दोनों देशों में इनका निष्पक्ष और परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने की समक्ष है। हम सभी मामलों पर चर्चा करने में सफल रहे हैं। उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मजम्बूत संबंधों का महत्व बताने के लिए एक चीनी कहावत का जिक्र किया कि दूर का एक रिश्तेदार एक नजम्दीकी पड़ोसी जितना उपयोगी नहीं हो सकता।
ली ने दोनों देशों के बीच प्राचीन समय से ही चले आ रहे संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, हम द्विपक्षीय संबंधों को नई उंचाइयों पर ले जाने में सक्षम होंगे। हमने नया एजेंडा शुरू किया है। हम भारत-चीन संबंधों को और अधिक विकसित करने के लिए नए प्रारंभिक बिंदु पर लेकर गए हैं।
उन्होंने कहाकि हम विश्व की कुल जनसंख्या का एक तिहाई हिस्सा हैं और हमारी वार्ताएं विश्व को आकर्षित करती हैं। नि:संदेह चीन-भारत संबंध विश्व में सबसे महत्वपूर्ण संबंध हैं।






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