चैंपियंस ट्रॉफीः भारत और पाकिस्तान में होगा महामुकाबला
बमिट्वघम | भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में होने वाले ग्रुप-बी मुकाबले का परिणाम के लिहाज से भले ही कोई महत्व न हो लेकिन जब ये दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं तो उनके प्रशंसकों के लिए यही असली फाइनल होता है।
टीम इंडिया अपने पिछले दोनों मैच जीतकर फाइनल में जगह बना चुकी है जबकि पाकिस्तान दोनों मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो चुका है। यही वजह है कि इस मैच के परिणाम का दोनों टीमों की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन भारत और पाकिस्तान का मुकाबला कभी भी महत्वहीन नहीं हो सकता कयोंकि इस दौरान भावनाओं का तूफान चरम पर होता है। यही वजह है कि दोनों टीमें कभी भी एक दूसरे के खिलाफ नहीं हारना चाहती। लेकिन आईसीसी टूर्नामेंटों में भारत का पलड़ा हमेशा पाकिस्तान पर भारी रहा है और कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी टीम के इस इतिहास को बरकरार रखने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्हें अच्छी तरह पता है कि हारने की स्थिति में वह एक बार फिर से आलोचकों के निशाने पर आ जाएंगे।
दूसरी ओर लगातार दो मैच बुरी तरह हारने के बाद पाकिस्तान के हौसले पस्त हैं। कप्तान मिस्बाह उल हक के लिए मुंह छिपाना मुश्किल हो रहा है। उनके पास इस स्थिति से उबरने का एक ही रास्ता है और वह है भारत पर धमाकेदार जीत। इस एक जीत से पाकिस्तानी टीम की सभी गलतियां माफ हो सकती हैं। टूर्नामेंट में प्रदर्शन के हिसाब से देखा जाए तो भारत को जीत का हकदार माना जा सकता है। भारतीय टीम खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन कर रही है जबकि पाकिस्तान की बल्लेबाजी पिछले दोनों मैचों में सुपर फ्लॉप रही थी। मिस्बाह और नासिर जमशेद को छोड़कर बाकी बल्लेबाजों को रन बनाना मुश्किल हो रहा है। टीम इंडिया इस समय प्रचंड फॉर्म में है। उसने टूर्नामेंट के पहलेमैच में दक्षिण अफ्रीका को 26 रन से शिकस्त दी थी और फिर वेस्टइंडीज को आठ विकेट से रौंदकर सेमीफाइनल में जगह पककी कर ली। भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी बल्लेबाजी है। शिखर धवन और रोहित शर्मा के रूप में भारत की ओपनिंग जोड़ी की तलाश पूरी हो चुकी है। पिछले दोनों मैचों में तो इन दोनों ने 100 रन से ज्यादा की ओपनिंग साझेदारी की है। शिखर ने तो पिछले दोनों मैचों में शतक ठोके थे और अब उनके पास लगातार तीसरा शतक बनाने का मौका है। इसके बाद विराट कोहली, दिनेश कार्तिक, धौनी, सुरेश रैना और रवीन्द्र जडेजा के कंधों पर भारतीय स्कोर को आगे बढ़ाने का जिम्मा रहेगा। जडेजा बल्लेबाजी के साथ-साथ अपनी लेफ्ट आर्म गेंदबाजी से भीविपक्षी बल्लेबाजों पर भारी पड़ रहे हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने पांच विकेट हासिल किए थे। इसके अलावा भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, ईशांत शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के कंधों पर पाकिस्तानी बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने का दारोमदार रहेगा।
जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो उसकी सबसे बड़ी बल्लेबाजों की नाकामी है। मिस्बाह और नासिर को छोड़कर टीम का कोई भी बल्लेबाज चल नहीं पा रहा है। पाकिस्तान को अगर भारत को कड़ी चुनौती देनी है तो उसके बल्लेबाजों को रनों का अंबार लगाना होगा। पाकिस्तानी का मजबूत पक्ष उसकी गेंदबाजी है। मोहम्मद इरफान, जुनैद खान, सईद अजमल, वहाब रियाज और मोहम्मद हफीज किसी भी बल्लेबाजी क्रम को बखिया उधेड़ने में सक्षम हैं। जरूरत इस बात की है कि पाकिस्तानी टीम एक इकाई के रूप में अच्छा प्रदर्शन करें।