जनमानस
कुछ तो ख्याल रखो
उत्तराखंड में बादल फटने से जो भयावह मंजर सामने आया उसे देखकर अच्छे खासे इंसान के दिल की धड़कने रुक सकती हैं। ऐसा भीषण संकट कि पहाड़ों के पहाड़ टूट पड़े तो फिर इन्सान की क्या विसात कि उसे रोक पाए, सरकार मदद वहां आठ-आठ दिन बाद भी नहीं पहुंचा सकी हजारों लोगों की जानें चली गई। कुछ भाग्य से बचे हुए हैं उसके लिए पूरा श्रय भारतीय जांवाजों को जाता है। जो निरंतर खतरे में रहकर नागरिकों की जाने बचा रहे हैं। इसलिए उन महान भारत मां के रणबांकुरों को कोटि-कोटि प्रणाम। एक तरफ जंगलों पहाड़ों में फंसे हुए कई दिनों से भूखे प्यासे जान गंवा रहे हैं और कष्टों को झेल कर इस आशा में जिंदा हैं कि कभी न कभी कोई तो आकर हमें बचाएगा। दूसरी तरफ विश्व की सबसे धनी क्रिकेट संस्था भारतीय क्रिकेट टीम के सभी सदस्यों को एक एक करोड़ इनाम देने की घोषणा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में जीने के लिए भूख प्यास से संघर्ष कर रहे हजारों श्रद्धालुओं की घोर अनदेखी हो रही है। हमारे क्रिकेटरों के पास धन की कोई कमी नहीं है। अगर हमारी बीबीसीआई और हमारी केन्द्र सरकार इन करोड़ों रुपयों को क्रिकेटरों की बजाय उत्तराखंड अपदा में लोगों की मदद के लिए दिए जाते तो हमें भी गर्व होता कि इस महान संकट में बीबीसीआई और केन्द्र की तरफ से सहयोग हो रहा है।