उत्तराखंड में बारिश से राहत कार्य प्रभावित
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश से वहां चल रहा राहत व बचाव कार्य पूरी तरह से बाधित हो चुका है। वहीं चमोली की उर्गम घाटी में आज बादल फट गया है। जिससे कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। करीब सात गांव इससे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। वहीं कालगोठ में भी जबरदस्त नुकसान हुआ है। जिसके चलते कई मवेशियों के मारे जाने की खबर है और कई मकान ढ़ह गये हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है।
रविवार से ही बारिश लगातार हो रही है जिसके चलते वहां खाद्यान्न की कमी से लोग जूझ रहे हैं। बाढ़ और आपदा से पूरी तरह से अलग हो चुके कई सूदूरवर्ती इलाकों में हेलीकाप्टर से राशन आपूर्ति का जो अभियान चलाया जा रहा था वह भी पूरी तरह से ठप पड़ा है। वहीं खराब मौसम के कारण केदारनाथ में शवों के अंतिम संस्कार का कार्य भी बाधित हो गया है। लगातार हो रही बारिश से बद्रीनाथ राजमार्ग कई घंटों तक बंद रहा जिससे राहत लेकर जा रहे कई वाहनों सहित कुल 500 वाहन फंस गये। हालांकि राजमार्ग बाद में यातायात के लिए फिर से खुल गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि इन जिलों में मुख्य सड़कों का नेटवर्क अब भी क्षतिग्रस्त है जिसके कारण प्रभावित गांवों खासकर अन्य स्थानों से पूरी से कट चुके गांवों में ट्रकों से राहत सामग्री पहुंचाना असंभव है। ऐसे में अधिकारी मौसम प्रतिरोधी हेलीकॉप्टरों की सेवाएं लेने पर विचार कर रहे हैं ताकि खाद्यान्न की कमी का सामना कर रहे गांवों में खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
इन मामलों को देखते हुए आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग ने एक आपातकालीन बैठक आयोजित की थी जिसमें इस बात पर चर्चा की गयी कि खराब मौसम में भी उड़ान भर सकने वाले हेलीकॉप्टरों को सेवा में कैसे लगाया जाए। इस बीच,एसोचैम ने आपदा प्रभावित उत्तराखंड में पुनर्वास और पुनर्विकास कार्यों के लिए केन्द्र से दस हजार करोड़ रुपये की विशेष मदद की मांग की है।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि यह मांग रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने वाले एसोचैम के एक दल की सिफारिश के आधार पर है। मलबा और शवों को हटाने के लिए खराब मौसम और भारी उपकरणों के अभाव के कारण काम करने में काफी दिक्कत हो रही है।