चारा घोटाले में लालू की याचिका पर फैसला बाद में
नई दिल्ली | बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले की सुनवाई कर रहे जज को बदलने की एक याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा था कि वे दोनों आपस में विचार कर लें और अगर वे सहमत हों, तो इस मामले में जज को बदला जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो मामले को हाईकोर्ट में भी शिफ्ट किया जा सकता है। गौरतलब है कि रांची में चारा घोटाला मामले में सुनवाई हो रही है, लेकिन आरोपी लालू यादव ने जज पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी, जिसपर कोर्ट ने उन्हें राहत भी दे दी थी।
कोर्ट ने इस सुनवाई में लालू प्रसाद यादव की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। यह मामला बिहार के पशुपालन विभाग में हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है। मुख्य न्यायाधीश की अदालत में 23 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई हुई थी। याचिका में चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 20ए/96 को सीबीआइ के दूसरे न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में लालू प्रसाद की ओर से यह कहा गया है कि चारा घोटाले के इस मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बिहार के शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार हैं। इससे उन्हें सक्षम अदालत में न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। कोर्ट ने प्रसाद को राहत देते हुए नये न्यायाधीश के लिए सीबीआई और उनसे नाम सुझाने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति रंजन गगोई की अदालत ने 23 जुलाई को इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए छह अगस्त की तिथि तय की थी।