जनमानस
लोकपाल विरोधी मुलायम
वंशवाद, बाहुबल और भ्रष्टाचार मुस्लिम तुष्टिकरण में सांप्रदायिकता फैलाने वाले क्षेत्रीय दलों की ढीठता में अव्वल समाजवादी पार्टी के मुखिया एकमात्र लोकपाल विरोधी भूमिका में पूरे देश के सामने आए। उनकी प्रतिक्रिया सारे समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई परन्तु उनका सार केवल एक ही लाइन थी कि ''खतरनाक है लोकपाल इसके अलावा लोकपाल के विरोध का उनके पास कोई मजबूत तर्क न था। बाबू, अफसरों पर रुआब गांठने की पूंजी के खत्म होने का उन्हें मलाल है। वे तीसरे या चौथे मोर्चे द्वारा प्रधानमंत्री पद प्राप्त करने का लालच भी दर्शाते रहते हैं। परन्तु भूल जाते हैं कि आज राजनीति लोकमत की जागरुकता में पुरानी परिपाटी को तोडऩे पर ही कारगर हो सकती है। अन्ना, रामदेव, केजरीवाल के साथ उमड़ा जनसैलाब की पुकार की प्रासंगिकता को ही वे समझने को तैयार नहीं। भारतीय क्रिकेट कप्तान धोनी के बड़े भाई मुलायम के दल में शामिल हो गए हैं आश्चर्य हुआ कि धोनी के बिग ब्रदर को क्या सूझी है वे जनता हित की राजनीति का मतलब ही नहीं समझते।
हरिओम जोशी, ग्वालियर