जनमानस
मछुआरों की रिहाई-वाह मोदी वाह
पांच भारतीय मछुआरों की मौत की सजा को श्रीलंका के राष्ट्रपति द्वारा माफ करवाना मोदी सरकार के छोटे से कार्यकाल की सबसे बड़ी सफलता माना जा सकता है। सरकार की इस उपलब्धि की चर्चा केवल देश में ही नहीं बल्कि इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देगी। वैसे तो मोदी सरकार ने कई अच्छे एवं नये कार्यों की शुरूआत की है, लेकिन भारतीय मछुआरों की रिहाई के लिए सरकार एवं स्वयं मोदी ने जिस संवेदनशीलता का परिचय दिया है, उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में भारत की दिशा एवं दशा किस प्रकार की होगी। दुनिया में अमेरिका एवं चन्द विकसित देशों के बारे में ही इस तरह की धारणा है कि वे अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। इस प्रकरण में मोदी द्वारा किया गया प्रयास भी कुछ ऐसा ही है। इस घटना का प्रभाव मोदी के अमेरिका एवं आस्टे्रलिया दौरों से भी अधिक होगा। भारतीयों की सुरक्षा के हित में कांधार विमान अपहरण में तत्कालीन अटल सरकार द्वारा लिया गया फैसला यदि अटल बिहारी वाजपेयी के मानवीय पहलू को उजागर करता है तो मछुआरों की रिहाई मोदी की संवेदनशीलता, दृढ़ संकल्प एवं उनके जुझारूपन को प्रदर्शित करता है। हकीकत में इस घटना को अच्छे दिनों की शुरूआत के रूप में देखा जा सकता है। वाह मोदी वाह।
प्रो. एस. के. सिंह, ग्वालियर