नगर परिषद चुनाव को लेकर सक्रिय हुए नेता

मुरैना/जौरा। नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिये दावेदारों में सक्रियता तेज हो गई है। भाजपा से बृजमोहन बंसल, अशोक गर्ग, सुनील सिंघल अपनी- अपनी पत्नियों के लिये टिकट मांग रहे हैं। जबकि भाजपा की सक्रिय महिला नेत्री श्रीमती उर्मिला त्यागी भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अपनी सक्रियता के नाम पर टिकट मांग रही हैं। वर्तमान पार्षद श्रीमती ऊषा गुप्ता भी पार्टी के नेताओं से खुद के लिये टिकट मांग रही हैं। जबकि धर्मेन्द्र शर्मा घुट्टू अपनी पत्नी के लिये टिकट हेतु मुरैना-ग्वालियर, भोपाल तक भागदौड़ कर रहे हैं।
कांग्रेस में भी टिकट के लिये मारा-मारी
कांग्रेस में भी टिकट के लिये दावेदारों में मारा-मारी देखी जा रही है। कांग्रेस में शारदा कैलाश मित्तल, रेनू रविन्द्र सिकरवार, गायत्री बबलू शर्मा, प्रेम संतोष शर्मा, मीरा मदन भारद्वाज, चन्द्रदेवी देवेन्द्र भर्रा, रामश्री अरुण कुलश्रेष्ठ आदि टिकट के दावेदारों में है। कांग्रेस के उक्त दावेदार सिंधिया, गोविंद सिंह, ऐंदल सिंह, राकेश मावई सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी टिकट के लिये मिलकर प्रयास कर रहे हैं। जबकि बसपा से टिकट के लिये भी सामान्य वर्ग से वैश्य एवं ब्राह्मण समाज के कुछ दावेदार प्रयासरत हैं।
गोपनीय रूप से जौरा आए कांग्रेसी पर्यवेक्षक
नगरीय निकाय चुनावों का शंखनाद मतदान की तारीख घोषित होते ही प्रारंभ हो चुका है। सभी दलों में दावेदारों की भागदौड़ प्रारंभ हो चुकी है। रविवार को जौरा में भी गोपनीय रूप से दिल्ली से कांग्रेसी पर्यवेक्षक ने आकर दावेदारों के संबंध में जानकारी ली। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को जौरा नगर में नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिये कांग्रेसी दावेदारों की महत्वपूर्ण जानकारी दिल्ली से आये पर्यवेक्षक ने एकत्रित की। पर्यवेक्षक के पास उन सभी दावेदारों के नाम भी थे जिन्होंने चार दिन पूर्व जौरा आये पर्यवेक्षकों एवं जिलाध्यक्ष राकेश मावई को अपने-अपने बायोडाटा दिये थे। सूत्रों का कहना है कि पर्यवेक्षक द्वारा पार्षद पद के दावेदारों के संबंध में भी वार्डों से भी जानकारी हासिल की गई। बताया जाता है कि कांग्रेस हाईकमान द्वारा उक्त पर्यवेक्षक को अम्बाह, पोरसा, जौरा, कैलारस, श्योपुर, बडोदा आदि निकायों में कांग्रेस पार्टी की जीत हो तथा अधिक से अधिक पार्षद जीतें, जिसके लिये महत्वपूर्ण जानकारी जीत की क्षमता रखने वाले प्रत्याशियों के संंबंध में जानकारी ली जा रही है। पर्यवेक्षक द्वारा उक्त जानकारी 6 नवम्बर तक हाईकमान को सौंपनी है। 

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