धोखाधड़ी कर ऋण लेने वाले को सात साल की सजा
पिता के नाम पर फर्जी दस्तावेजों से लिया था 6 लाख का ऋण
मुरैना। अपर सत्र न्यायाधीश अंबाह पीसी गुप्ता ने धोखाधड़ी कर पिता के नाम पर बैंक से 6 लाख का लोन निकालने वाले व्यक्ति को 7 साल की सजा और 4 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अपर अभियोजक रामनिवास सिंह तोमर एडवोकेट ने की। मामला इस प्रकार है कि वर्ष 2003 में भोपाल सिंह पुत्र परिमाल सिंह निवासी मिढ़ैला थाना अंबाह ने पिता के नाम जायदाद पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करवाए। इन दस्तावेजों के सहारे भोपाल सिंह ने स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया की अंबाह शाखा से 6 लाख रुपए का ऋण प्राप्त कर लिया। भोपाल सिंह द्वारा ऋण न चुकाने पर बैंक प्रबंधन द्वारा वर्ष 2007 में जांच कराई गई। जांच के दौरान दस्तावेज फर्जी पाए गए। तब शाखा प्रबंधक द्वारा अंबाह थाने में भोपाल सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया गया।
पुलिस ने वर्ष 2012 में भोपाल सिंह को गिरफ्तार कर चालान पेश किया। न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई के बाद मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। जिसके अनुसार धारा 420 में तीन वर्ष, 467 में सात वर्ष, 468 में तीन वर्ष, 471 में तीन वर्ष की सजा के साथ प्रत्येक धारा मेंं एक-एक हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया।