जनमानस
कौन है तीसरे मोर्चे का माई-बाप
अम्मा यानी जयललिता अपनी मौकापरस्ती और अति महत्वाकांक्षाओं की सवारी में जिस तीसरे मोर्चे की अगुआई में आगे आई हैं उससे स्पष्ट होता है कि उन्हें जनता का मूड़ भी नहीं पता प्रधानमंत्री पद भला वो क्या संभालेंगी। खराब साख और बदले की भावना में जलने भुनने वाली जयललिता, फिल्मी खलनायिका ललिता पवार के रूप में राजनीति की अविश्वसनीय खलनायिकी पर उतर आई हैं। अटल जी की सरकार को डंसने वाला उनका विष आज तक जनता नहीं भूली है। नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बनने पर गुलदस्ता भेंट करने का झूठा किरदार भी जनता के मन में बसा है। वाममोर्चा के साथ मिलकर नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उनकी मोर्चाबंदी का मकसद भी अब जनता को समझ आ गया है। वो तमिलनाडु को भूल भुलैया में रखकर भले ही अम्मा कहलाती हो पर इन अम्मा के तीसरे मोर्चे का माई-बाप कांग्रेस पार्टी ही है जनता अच्छी तरह समझ चुकी है। ममता माया को अपने पाले में करने की विफलता जयललिता की वो सच्चाई है जिसमें उनके प्रधानमंत्री बनने के अरमान कतर्ई पूरे नहीं हो सकते।
हरिओम जोशी, भिण्ड