जवाब दें या न्यायालय में उपस्थित हों
ग्वालियर । अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग के दो अधिकारियों को तीन सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिया है। न्यायमूर्ति एस.के. गंगेले व न्यायमूर्ति बी.डी.राठी की युगलपीठ ने सात माह से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि अगली सुनवाई तक जवाब प्रस्तुत नही किया गया तो दोनों अधिकारियों को न्यायालय में उपस्थित होना पड़ेगा। इस प्रकरण में याची विश्वामित्र श्रीवास्तव की ओर से पैरवी अभिभाषक हरीश दीक्षित कर रहे हैं।
याची ने नौकरी के दौरान क्रमोन्नति नही मिलने के चलते आरटीआई (सूचना का अधिकार) दायर की थी। आरटीआई में उन्होंने डीपीसी की जानकारी मांगी थी जो कि विभाग द्वारा नही दी गई। इस पर उन्होंने न्यायालय में याचिका दायर की जिसपर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने याची को नियमनुसार जानकारी देने का आदेश दिया था। समय निकलने के बाद भी जब जानकारी नही दी गई तो याची ने अवमानना याचिका दायर की । उक्त याचिका में सुनवाई के दौरान न्यायालय में नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया। सात माह से ज्यादा का समय निकलने के बाद भी जवाब नही देने पर न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए लोक सूचना अधिकारी ऊषा परमार व अनुभा श्रीवास्तव को जवाब प्रस्तुत करने के लिए अंतिम अवसर दिया। जवाब प्रस्तुत न करने की स्थिति में दोनों अधिकारियों को न्यायालय में उपस्थित रहना पड़ेगा।