जनमानस
मनमोहन के राजधर्म पर क्यों नहीं बोलते
अटलजी के व्यक्तित्व की तोड़-मरोड़ तारीफ करने वाली कांग्रेस राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित अटल और मोदी का मतलब नहीं समझ सकती। जो वंश पूजा में प्रतिष्ठित होते हैं जिनकी सारी योजनाएं पिता, दादा, दादी, परदादा के नामकरण संस्कार में सीमित रहती हैं जो राजीव और मनमोहन के राजधर्म पर मौन रहते हैं वे अटल के मोदी राजधर्म की नेक सलाह का भला उल्टा अर्थ ही लगाएंगे। बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है यह राजीव गांधी का राजधर्म सिख भाइयों के लिए मौत का ताण्डव अधर्म नहीं तो और क्या था। दस साल के भ्रष्टाचारी और घोटालामयी कुशासन पर मनमोहन के राजधर्म की समीक्षा की होती तो आज अटलजी के राजधर्म पर फर्जी वीडियो का भ्रामक सहारा न लेना पड़ता। अटल के कहे अनुसार या अटल की भावनाओं के अनुरूप मोदी का राजधर्म गुजरात विकास मॉडल के रूप में देश ही नहीं पूरी दुनिया में गूंज रहा है परन्तु कांग्रेस ने जरा सा राजधर्म निभाया होता तो आज प्रधानमंत्री पद के अन्याय व अत्याचार में ईमानदार मनमोहन की बलि न चढ़ायी गयी होती।
हरिओम जोशी, भिण्ड