जैव-विविधता के प्रथम दो राष्ट्रीय पुरस्कार मध्यप्रदेश के खाते में
भोपाल। मध्यप्रदेश वन विभाग ने राष्ट्रीय वन पटल पर एक बार फिर श्रेष्ठता सिद्ध की है। अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस के अवसर पर पोर्ट ब्लेयर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप में भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा यूएनडीपी द्वारा इंडिया बॉयो-डायवर्सिटी अवार्ड-2014 समारोह में कान्हा टाइगर रिजर्व को प्रथम और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। संरक्षित क्षेत्र श्रेणी में मिला यह पुरस्कार अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर, लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, अपर सचिव पर्यावरण एवं वन हेम पाण्डे और कंट्री डायरेक्टर, यू.एन.डी.पी. जॉन सोरेन सेन द्वारा प्रदान किये गये।
उल्लेखनीय है कि कुल 7 राष्ट्रीय पुरस्कारों में से प्रथम दो मध्यप्रदेश के खाते में आए हैं। प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार जीतने में मध्यप्रदेश का वन विभाग सफल रहा है। इसके लिए वह बधाई का पात्र है। लेफ्टिनेंट गवर्नर, लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह ने इस अवसर पर कहा कि विजेता टीमों द्वारा जैव-विविधता संरक्षण वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ भविष्य की पीढिय़ों के लिये भी अति महत्वपूर्ण है। अत्यधिक जनसंख्या और पशु संख्या के दबावों के बावजूद संस्थाओं ने इस दिशा में प्रशंसनीय कार्य किया है।
वन एवं जैव-विविधता मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि इंडिया बॉयो-डायवर्सिटी अवार्ड सम्पूर्ण देश में जैव-विविधता संरक्षण के क्षेत्र में किये जाने वाले उत्कृष्ट कार्यों के लिये प्रदान किया जाता है। डॉ. शेजवार ने बताया कि अवार्ड स्वरूप विजेता को 1 लाख रुपये का प्रथम और 50 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार दिया जाता है। अवार्ड स्वरूप प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता वाली समिति ने 150 नामांकन का परीक्षण कर 4 विजेता और 3 रनर्स अप का चयन किया था। डॉ. शेजवार ने कहा कि इन 7 पुरस्कार में से 2 मध्यप्रदेश को मिलना प्रदेश के लिये गौरव की बात है। इसके लिये संरक्षित क्षेत्रों के अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।