फर्जीवाड़े में शामिल चिकित्सकों का जमानत आवेदन निरस्त


ग्वालियर। पीएमटी फर्जीवाड़े में फंसे दो सरकारी चिकित्सकों सहित पांच लोगों का जमानत आवेदन न्यायालय ने निरस्त कर दिया। न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने भिंड के गोहद में पदस्थ सरकारी चिकित्सक राजेंद्र तरेटिया और रीवा में पदस्थ चिकित्सक राजेंद्र आर्य का
जमानत आवेदन निरस्त कर दिया। इसके साथ ही चांद खां पुत्र शौकत खां निवासी पोरसा, नितिन कुमार पुरैया निवासी न्यू रेशम मिल व डेनियल परमार का जमानत आवेदन भी निरस्त हो गया।
विशेष लोकअभियोजक राजेंद्र शर्मा ने दलील थी कि फर्जीवाड़े में बड़ा रैकैट शामिल था। इस रैकेट के अन्य सदस्यों को अभी गिरफ्तार किया जाना है। ऐसे में इन अभियुक्तों कोजमानत देने से जांच प्रभावित होगी। डॉ. तरेटिया पर आरोप है कि उसने
फर्जी तरीके से मेडीकल में प्रवेश दिलाने के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह से 8 लाख रुपए लिए। डॉ. तरेटिया ने इसमें से सात लाख रुपए डॉ. राजेंद्र आर्य को दिए। डॉ. राजेंद्र ने ही विश्वनाथ के लिए सॉल्वर व परीक्षा पास कराने का इंतजाम किया। चांद खां पर आरोप है कि उसने 3.5 लाख रुपए देकर फर्जी तरीके से प्रवेश लिया। इसी तरह नितिन ने भी 3.15 लाख रुपए देकर प्रवेश लिया जबकि डेनियल परमार के दस्तखत व फोटो भिन्न पाए गए।

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