रेलवेः पदोन्नति में अनियमितता उजागर
नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड में दो सचिवालय संबंधी सेवाओं में पदोन्नत में अनियमितता सामने आई है। रेल मंत्रालय के कुछ अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और कैबिनेट के अधिकार क्षेत्र की उपेक्षा कर अधिकारियों को पदोन्नत किया हैं।
सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों को सेवा के न्यूनतम 16 साल के अनुभव के मानक को पूरा किए बिना इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर (आईआरएसएमई), इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस (आईआरपीएस) और यहां तक कि आईएएस जैसी ग्रुप ‘ए’ की रेलवे सेवाओं की उपेक्षा कर उच्च प्रशासनिक ग्रेड (एचएजी) और वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) में पदोन्नत किया जा रहा है।
वर्तमान में सामान्य तौर केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) से ताल्लुक रखने वाले किसी अधिकारी को सेवा के 23 साल पूरे करने के बाद एसएजी दिया जाता है, ग्रुप ए के रेलवे सेवा अधिकारी को सेवा के 23 साल बाद और आईएएस अधिकारी को सेवा के 20 साल बाद। इसे एक ‘‘गंभीर गलती’’ करार देते हुए वित्त मंत्रालय ने हाल में रेलवे को लिखा है कि वह इन अधिकारियों को पदोन्नत करने के अपने फैसले को रद्द करे जिसके लिए लगभग एक साल पहले आदेश जारी किए गए थे।