दिन में एक बार होती है शहर की सफाई
सफाई कर्मचारी अपने बच्चों से लगवा रहे हैं झाडू
श्योपुर। जैसे-जैसे शहर का विस्तार होता जा रहा है, वैसे- वैसे शहर में सफाई कर्मचारियों की संख्या नाकाफी होती जा रही है। हालात यह है कि शहर में दिन भर में मात्र सुबह के समय साफ- सफाई होती है, इसके बाद दिन भर गंदगी बनी रहती है। जिस तरफ नपा को विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
नगरपालिका के पास फिलहाल सवा दौ सैकड़ा सफाई कर्मचारी मौजूद है। जो शहर के 21 वार्डों में साफ-सफाई करते हैं। तेजी से बढ़ता शहर के दायरे के लिए अब यह कर्मचारी नाकाफी साबित हो रहे हैं। चूंकि गली-मोहल्लों का विस्तार हो रहा है।
ऐसे में सफाई-कर्मचारी भी अपने काम में उदासीनता बरतने में लगे हैं। सफाई कर्मचारियों की सीमित संख्या होने के चलते दिन में मात्र सुबह के समय ही शहर भर की सफाई होती है तथा बाद में धूल और कचरा उड़ता फिरता है।
कर्मियों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता
बढ़ते शहर के साथ नपा को सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने की भी आवश्यकता है, ताकि शहर में साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त बनी रहे। हालांकि इस दिशा में नगरपालिका द्वारा कर्मियों की संख्या बढ़ाने की बात काफी समय से कह रही है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों का मेहनताना नपा का हिसाब गड़बड़ा देगा जिसके चलते नपा कर्मियों की भर्ती को लेकर विचाराधीन है।
बच्चों से करवा रहे सफाई
हालात यह बन चुके हैं कि सफाई कर्मचारी अलसुबह ही अपने नाबालिग बच्चों को सफाई काम में जुटा देते हैं। इसके पीछे वे अपना कारण काम में सहूलियत, स्वयं की इच्छा और दूसरे काम- धंधों को बता रहे हैं। लेकिन इन सब के पीछे बालश्रम की स्थिति भी उभर के आ रही है।
दिन में यह है स्थिति
जानकारी के अनुसार सुबह के समय सफाई के बाद अधिकतर कर्मी अस्पताल, विभाग और अन्य जगहों पर काम के लिए चले जाते हैं। इसके बाद शेष बचे कर्मियों को नाला सफाई और गंदगी के ढ़ेर हटवाने के लिए लगा दिया जाता है। ऐसे में दिन में शहर सफाई की व्यवस्था मुनासिब नहीं हो पाती।
फैक्ट फाइल
पुरुष सफाई कर्मचारी - 100
महिला सफाई कर्मचारी - 125
कचरा उठाने के लिए ट्रेक्टर पर तैनाती - 50