जमीन किसी और की, नामांतरण किसी का
पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर की साठगांठ से चल रहा है खेल
शिवपुरी । जिलेभर में पदस्थ पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटरों की मिलीभगत से भोले-भाले किसानों की भूमि को दूसरे किसी व्यक्ति के नाम पर नामांतरण करने का कारोबार जमकर चल रहा है। भू-स्वामी को अपनी भूमि के विक्रय होने की जानकारी जब मिलती है तब तक उसका विक्रय कर दिया जाता है। विक्रय के बाद जिले में पदस्थ अधिकारियों के समक्ष शिकायत के बावजूद उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
ऐसे ही दो प्रकरण पिछोर क्षेत्र के प्रकाश में आए हैं जिसके तहत किसानों की भूमि को पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर की साठगांठ के चलते दूसरे व्यक्ति के नाम पर नामांतरण कर उसका विक्रय कर दिया गया। जबकि भू-स्वामी उक्त तथ्य से अंजान ही रहे। जिले में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों से पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर की कारगुजारियों की शिकायत भी की गई लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला।
वे किसान जिनकी भूमि को फर्जी तरीके से विक्रय किया
पिछोर क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम बामौर डामरौन निवासी भग्गू जोशी पुत्र मोतीलाल जोशी की मृत्यु के उपरांत उसके वारिस कुंजलाल जोशी के नाम भूमि का नामांतरण न करते हुए मनीराम पुत्र हरिचरण नाई के नाम नामांतरण कर दिया गया। वहीं भौंती के एक प्रकरण में सर्वे क्रमांक 195, 197 को पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर ने अपनी बाजीगरी दिखाते हुए केदार पुत्र रामराज के नाम नामांतरण कर उसका विक्रय कर दिया गया।
जांच उपरांत नहीं हुई कोई कार्रवाई
पिछोर क्षेत्र के ग्राम बामौर डामरौन तथा भौंती में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटरों की मिलीभगत से किसानों की भूमि के रिकार्ड में अवैध तरीके से फेरबदल कर विक्रय किया जा रहा है। उक्त प्रकरणों की शिकायत पर 24 अप्रैल 2014 को जांच के आदेश दिए गए। जांच उपरांत किसानों की भूमि को खुर्दबुर्द करने व अवैध तरीके से विक्रय करने में अहम भूमिका निभाने वाले पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई।
पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर के वारे-न्यारे
किसानों की भूमि को पटवारी व कम्प्यूटर ऑपरेटरों की मिलीभगत से अवैध रूप से नामांतरण कर विक्रय कर लाखों के बारे-न्यारे किए जा रहे हैं। पीडि़त किसानों ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत किए जाने पर भी कोई कार्रवाई न होना जिला प्रशासन पर प्रश्नचिह्न लगाता है। जिला प्रशासन द्वारा उक्त कारनामे करने वाले कर्मचारियेां के विरुद्ध कार्रवाई न करने से भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के हौंसले बुलंद हैं।