जनमानस
लव-जिहाद के प्रति सतर्कता की जरूरत
देश में इन दिनों लव जेहाद की चर्चा जोरों से चल रही है, अफसोस की बात तो यह है कि जिस हिन्दू समाज को इसका निशाना बनाया जा रहा है, वही इससे अनजान है व नाचने-गाने, झांकी, जुलूस, भंडारे, गरबे, कावड़ यात्रा, चुनरी यात्रा में ही मशगूल है। लव जेहाद सीधा सच्चा मतलब यह है कि मुस्लिमों द्वारा कपट, जालसाजी व योजनाबद्ध तरीके से हिन्दू महिलाओं व युवतियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनसे निकाह, वेश्यावृत्ति कराई जाती है या उन्हें खाड़ी देशों में बेच दिया जाता है। देश के इस्लामीकरण के लिए भी यह किया जा रहा है। हिन्दू लड़की का धर्म परिवर्तन करके उसे दूसरी व तीसरी, चौथी बीवी बनाकर उससे आधिकाधिक बच्चे पैदा करने से मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ाने का लक्ष्य भी रहता है, जेहाद का लक्ष्य पूरे संसार का इस्लामीकरण करना है। जेहाद एक तरह से मुस्लिमों का धर्मयुद्ध है। लव जेहाद भी जेहाद का ही एक प्रकार है, जिसका अंतिम लक्ष्य इस्लामीकरण है। हिंदू लड़कियों को फंसाने व पटाने के लिए मुस्लिम अपना फर्जी हिन्दू नाम रख लेते हैं और कलाई में लाल रक्षा सूत्र बांध लेते हैं, तिलक लगाते हैं या गले में कोई हिन्दू लॉकेट पहन लेते हैं। मुस्लिम लड़की या महिलाएं भी हिन्दू लड़कियों को पटाकर अपने पुरुषों, भाइयों से संबंध करवाती है। फंसी हुई हिन्दू लड़की भी अन्य हिन्दू युवतियों को लव जेहाद में फंसवाती है। मुस्लिम संगठन भी हिन्दू से निकाह करने वाले मुस्लिमों को भारी इनाम देते हैं।
राकेश सिंह, भिण्ड