मंगलयान ने मंगल की कक्षा में पूरे किए गौरवपूर्ण 100 दिन

चेन्नई | भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन ‘एमओएम’ का आज मंगल की कक्षा में 100वां दिन पूरा हो गया । ऑर्बिटर ने पिछले वर्ष सितंबर में मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था।
श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केन्द्र से इसरो के पीएसएलवी सी25 के साथ पांच नवंबर 2013 को प्रक्षेपित किया गया ऑर्बिटर 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में दाखिल हुआ। अपनी इस नौ महीने की सफल यात्रा के साथ ही भारत प्रथम प्रयास में अंतरग्रहीय मिशन में सफलता हासिल करने वाला पहला देश बन गया है।
तभी से ऑर्बिटर मंगल ग्रह की तस्वीरों सहित अन्य आंकड़े भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को भेज रहा है। ये आंकड़े बंगलुरू में प्राप्त किए जा रहे हैं और विश्लेषण हेतु इन्हें ‘स्पेस एपलिकेशन सेन्टर’ और ‘फिजिकल रिसर्च लैबरोटरी’, अहमदाबाद भेजा जा रहा है।
इसरो के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हालांकि मंगलयान का डिजाइन एक साल के लिए. अगले वर्ष सितंबर तक है, लेकिन यह उसके पास उपलब्ध ईंधन के मुताबिक लाल ग्रह का चक्कर लगाता रहेगा।’ ‘मंगल ऑर्बिटर’ उसपर मौजूद रंगीन कैमरे से धूमकेतु ‘साइडिंग स्प्रींग’ को करीब 40 मिनट तक कैमरे में कैद करने में कामयाब रहा। मंगल ग्रह के पास यह परिघटना पिछले साल 19 अक्तूबर को हुई। 


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