जमात-उद-दावा और हक्कानी नेटवर्क पर पाकिस्तान ने लगाया प्रतिबंध
इस्लामाबाद | पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और अफगानिस्तान स्थित संगठन हक्कानी नेटवर्क पर पाबंदी लगा दी है। यह फैसला पाकिस्तान ने भारत में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे से ठीक पहले लिया है। अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच पाकिस्तान सरकार को आखिरकार दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगाना ही पड़ा। गौर हो कि जमात-उद-दावा का मुखिया हाफिज सईद ही मुंबई में हुए 26/11 के हमले का मास्टर माइंड है।
अमेरिकी दबाव के बाद आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में बड़ा बदलाव लाते हुए पाकिस्तान ने वर्ष 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी हाफि़ज सईद की अगुवाई वाले संगठन जमात-उद-दावा तथा कुख्यात हक्कानी नेटवर्क को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल कर दिया है।
पेशावर में सेना द्वारा संचालित एक स्कूल में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर अच्छे और बुरे उग्रवादियों के मध्य अंतर बंद करने के लिए दबाव बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया है। पेशावर हमले में करीब 150 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जमात-उद-दावा और कई गुटों पर प्रतिबंध का फैसला सरकार ने कई दिन पहले किया था तथा इसके कार्यान्वयन का तौर तरीका तय करने का जिम्मा गृह मंत्रालय को सौंपा गया था।
इसके बाद मंत्रालय ने जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को चरमपंथ एवं उग्रवाद में उनकी संलिप्तता के लिए प्रतिबंधित संगठन की सूची में डाल दिया। दोनों गुटों का नेतृत्व हाफिज सईद करता है। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका हक्कानी नेटवर्क तथा जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध की मांग कर रहा था लेकिन पाकिस्तान सरकार ‘आनाकानी’ कर रहा था।
यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा से पहले किया गया है। ओबामा भारत जा रहे हैं और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि होंगे। प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल अन्य गुटों में हरकत-उल-जिहाद इस्लामी, हरकत-उल-मुजाहिदीन, उम्मा तामीर-ए-नौ, हाजी खरूल्ला हाजी सत्तार मनी एक्सचेंज, राहत लिमिटेड, रोशन मनी एक्सचेंज, अल अख्तर ट्रस्ट और अल राशिद ट्रस्ट हैं। प्रतिबंध के बाद इन गुटों की संपत्ति सील कर दी जाएगी।
पूर्व में, एक अधिकारी ने कहा था कि सरकार जमात-उद-दावा को प्रतिबंधित गुट घोषित करने से पहले, उसका नाम ‘निगरानी सूची’ में डालेगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमले के बाद जमात-उद-दावा को लश्कर-ए-तोएबा का मुखौटा कहा था। तब से संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने जमात-उद-दावा के कई नेताओं पर प्रतिबंध लगा रखा है। हक्कानी नेटवर्क की स्थापना जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी। इस संगठन पर वर्ष 2008 में अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर बम हमला, वर्ष 2011 में काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास पर हमला तथा अफगानिस्तान में कई बड़े ट्रक बम हमले के प्रयास करने का आरोप है। वर्ष 2008 में अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर किए गए बम हमले में 58 लोग मारे गए थे। अमेरिकी और अफगान अधिकारी बार बार कहते रहे हैं कि पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई अफगानिस्तान में अपना प्रभाव फैलाने के लिए हक्कानी नेटवर्क को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देती है। इस्लामाबाद इस आरोप का खंडन करता है। अमेरिका ने सितंबर 2012 में इस गुट को एक आतंकी संगठन घोषित किया था।