जनमानस

आरक्षण नहीं, योग्यता पैमाना बनाएं


गुजरात के युवा आंदोलनकारी हार्दिक पटेल के आरक्षण आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार वर्ग विशेष जातीय आधार को पूर्णत: समाप्त कर योग्यता अथवा वरीयता के आधार पर नौकरी देने का कानून लागू करे अथवा जातीय आधार पर हार्दिक पटेल द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को समर्थन देकर उनकी बात मान, पाटीदारों, पटेलों को आरक्षण देने की घोषणा करें। पटेल, पाटीदार वह समाज है, जिन्होंने देश-विदेश में विकास के झंडे गाड़े हैं। उसी समाज का पढ़ा-लिखा तबका नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है, क्योंकि वोटों के लिए सरकार की नीति-रीति नहीं है, आरक्षण के नाम पर। यह सही है कि नौकरी न मिलने पर वह युवा भटक जाएगा। ऐसे में वह आतंकवादी, दहशतगर्द-नक्सलवादी, गुंडा, बदमाश, माफिया, देश-समाज का दुश्मन बन जाएगा। वह भटके नहीं इसलिए या तो केन्द्र सरकार जातीय आधार पर आरक्षण प्रथा समाप्त कर वरीयता-योग्यता के आधार को लागू करे अथवा पाटीदार-पटेल के लिए आंदोलनरत गुजरात के युवा हार्दिक पटेल की बात मान ले। पटेल समाज ने देश के विकास में विदेशों में रहते जो उदाहरण पेश किए, ऐसा उदाहरण कोई नहीं दे सकता। उन्हीं में से ऐसे कई शहर, गांव पटेल-पाटीदारों की ही देन है। एक उदाहरण इन्दौर जो पटेल-पाटीदारों की कृषि भूमि पर बसा है। तब देश के साथ विदेशों में प्रगति पर पटेल-पाटीदार समाज की जितनी छाप है, केन्द्र सरकार को समय रहते समझ लेना चाहिए। आरक्षण की राजनीति छोड़ देश-जनहित की रीति-नीति पर काम कर सर्ववर्ग एक समान पर अमल करना चाहिए। कोई आरक्षण नहीं योग्यता-वरीयता ही मुख्य हो। यदि यह नियम लागू न कर सके तो फिर हार्दिक पटेल की बात केन्द्र सरकार मान ले।

डॉ. दाऊद पटेल

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