चोरों का आतंक बना पुलिस के लिए सिरदर्द
तबाड़तोड़ वारदात करने वाले चोर लापता
ग्वालियर। शहर में चेारी की ताबड़तोड़ वारदात करने वाले चोर पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए। मैरिज गार्डन से लेकर घरों तक से चोरों ने लाखों रुपए का माल चोरी कर लिया। लेकिन पुलिस चोरी की एक भी वारदात का खुलासा नही कर सकी है, उसके खाते में एक सप्ताह के भीतर आधा दर्जन से ज्यादा बड़ी चोरियां दर्ज है।
महलगांव से तीन घरों से लूटपाट करने वाले, जीवायएमसी में वृद्धा से जेवरात से भरा बैग चुराने वाले और आरक्षक के घर से लाखों रुपए के जेवरात चोरी होने के मामले में पुलिस खाली हाथ है। सर्दी के मौसम में चोर रात्रि गश्त की लापरवाही का पूरा फायदा उठा रहे हंै चोरों को जैसे ही मौका मिलता है वह वारदात को अंजाम दे डालते हंै। महलगांव में बदमाशों ने तीन घरों में घुसकर लूटपाट की और परिजनों को जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। एक सप्ताह बीत जाने के बाद पुलिस ने बदमाशों की तलाश तो दूर, दोबारा परिजनों से जाकर बदमाशों का हुलिया तक नहीं पूछा। इसी तरह लक्ष्मण तलैया पर रहनें वाले आरक्षक नरेश रावत के घर से बेटी के जेवरात चोरी कर लिए सूने घर का चोरों ने पूरा फायदा उठाया और काम कर दिया। परिवार पुलिस लाइन में शादी की तैयारी कर रहा था, चोरों ने सूना घर खंगाल डाला। वहीं जीवायएमसी में लाखों रुपए के जेवरात लेकर फरार हुए चेार का आजतक पता नही चल सका है। चोर भी वारदात करने के लिए पूरी प्लानिंग के साथ आते हैं, पुलिस भले ही यह भूल जाए कि उसे शादी समारोह में सुरक्षा की दृष्टि से जाना चाहिए, लेकिन चोर अवश्य ही पहुंच जाते है उन्हें मालूम रहता है कि माल किस पर और कब मिलता है तभी तो शादी समारोह से कई बार चकमा देकर जेवरात और नगदी चोरी गई है।
पुलिस के खाते में आज आधा दर्जन से ज्यादा बड़ी चोरी की वारदात पंजीबद्ध हैं जिनमें से किसी भी घटना का आरोपी हाथ नही आया है। जबकि कप्तान ने साफ फरमान सुना दिया कि बढ़ती वारदातों पर अंकुश लगाएं।
गश्त में संदेहियों को नही रोकती पुलिस
रात में गश्त करने वाला दल बत्ती और टयूटर चलाकर गाड़ी में बैठे हुए ही गश्त करता है। देर रात को घूमने वाले संदेहियों से यह पूछने तक की जरूरत नही समझी जाती कि वह इतनी रात को कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं। यदि रात्रि गश्ती दल ऐसा करे तो संभवत कुछ हद वारदातों पर अंकुश लग सकता है। जबकि चोर पुलिस की हर कार्यवाही पर नजर रखता है। तभी तो वह गश्त के बाद भी सामान समेटकर ले जाता है।