जुवेनाइल जस्टिस बिल मंगलवार को पेश होगा राज्यसभा में
नई दिल्ली। निर्भया कांड में दोषी किशोर की रिहाई पर देश भर में गुस्से के बीच केंद्र सरकार मंगलवार को जुवेनाइल जस्टिस बिल राज्यसभा में पेश करेगी। दरअसल नाबालिग की रिहाई के बाद सांसदों पर जुवेनाइल जस्टिस बिल को लेकर दबाव बढ़ गया है। राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने किशोर न्याय कानून में संशोधन के प्रावधान वाले विधेयक को जल्दी पारित किए जाने पर बल दिया।
बीजेपी ने कांग्रेस पर बिल को लेकर चर्चा में शामिल नहीं होने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मुद्दे पर कहा कि वह खुद जुवेनाइल जस्टिस विधेयक पारित करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले कांग्रेस सदन को चलने दे। वहीं संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि देश भर में व्यापक आंदोलन हो रहे हैं और सदन को किशोर न्याय संबंधी विधेयक पर चर्चा करनी चाहिए। इस विधेयक को आठ, 10 और 11 दिसम्बर की कार्यसूची में शामिल किया गया था लेकिन सदन में कामकाज नहीं हो सका।
नाबालिग दोषी को रिहा किए जाने के मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सुबह उच्च सदन में शून्यकाल में किशोर न्याय संबंधी विधेयक का मुद्दा उठाया। माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि अगर सरकार इस विधेयक को इतना महत्वपूर्ण मानती है तो उसे सोमवार के लिए क्यों सूचीबद्ध नहीं किया गया।
जानकारी हो कि जुवेनाइल जस्टिस बिल लोकसभा में मई 2015 में पास हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में हंगामे के कारण अटका हुआ है। जुवेनाइल जस्टिस बिल में कहा गया है कि बलात्कार, हत्या और एसिड अटैक जैसे खतरनाक अपराधों में शामिल नाबालिगों को बालिग माना जाए। गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर केस आम अदालतों में और बालिगों के लिए कानून के मुताबिक ही चलेगा। पुराने कानून के मुताबिक नाबालिग को ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक के लिए सुधार गृह में रखा जा सकता है।