फर्जी परीक्षार्थी को 4 साल की कैद, 5 हजार अर्थदण्ड

तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश का फैसला
मुरैना। हाईस्कूल पूरक परीक्षा 2012 में दूसरे छात्र के नाम पर परीक्षा देते हुए पकड़े गए फर्जी परीक्षार्थी को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री शिवकांत ने चार साल कैद सहित चार हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामले मेें अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक रामभजन सिंह पाल ने की।
मामला कुछ इस प्रकार था कि हाईस्कूल पूरक परीक्षा वर्ष 2012 में 17 दिसंबर को अंग्रेजी का परचा था। पोलीटेक्निक परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक को परीक्षा दे रहे छात्र प्रदीप पुत्र गजराज ङ्क्षसह राठौर पर संदेह हुआ। पर्यवेक्षक ने छात्र प्रदीप को केन्द्राध्यक्ष के सुपुर्द कर दिया। केन्द्राध्यक्ष द्वारा दस्तावेजों का परीक्षण करने पर साबित हुआ कि प्रदीप राठौर वास्तविक छात्र भूपेन्द्र पुत्र सियाराम के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। फर्जी परीक्षार्थी प्रमाणित होने पर केन्द्राध्यक्ष ने छात्र प्रदीप को पुलिस के सुपुर्द कर धारा 419, 465, 468, परीक्षा अधिनियम की धारा 4(3) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में प्रदीप के साथ वास्तविक परीक्षार्थी भूपेन्द्र को भी आरोपी बनाया। न्यायालय में मामले की ट्रॉयल के दौरान वास्तविक परीक्षा भूपेन्द्र की मौत हो गई। पुलिस द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री शिवकांत ने आरोपी प्रदीप को धारा 419, 465 में दो-दो साल, धारा 468 में चार साल एवं परीक्षा अधिनियम की धारा में दो साल कैद एवं पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

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