चलती मालगाड़ी का कपलर टूटा, 12 डिब्बे छूटे
धरनावदा के पास टला बड़ा हादसा, घंटों देरी से चली गाडिय़ां
गुना। कोटा-बीना ट्रेक पर आज एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दरअसल यहाँ रुठियाई और धरनावदा के बीच एक चलती मालगाड़ी के करीब एक दर्जन डिब्बे छूंट गए। हादसा मालगाड़ी का कपलर टूटने के कारण होना बताया जा रहा है। गंभीर बात यह रही कि चालक को इसका पता भी नहीं चला और वह मालगाड़ी को अगले स्टेशन की ओर दौड़ता चला गया। टूटे डिब्बों में गार्ड का डिब्बा भी शामिल था। बाद में एक क्रॉसिंग पर तैनात गेटमैन की नजर बिना गार्ड के दौड़ती मालगाड़ी पर पड़ी तो उसने अगले स्टेशन पर इसकी सूचना दी, इसके बाद कोटा-बीना पैसेंजर की मदद से टूटे चारों डिब्बों को चौड़ाखेड़ी तक लाया गया। इस घटना से एक बड़ा हादसा टल गया। अलबत्ता इसके चलते कई यात्री ट्रेनें प्रभावित होकर घंटों देरी से चलीं, वहीं रेलवे महकमे में खलबली का माहौल रहा।
धरनावदा स्टेशन तक पहुँच गई मालगाड़ी
बताया जाता है कि घटना बीते रोज की है, इस दौरान दोपहर के समय रुठियाई से चलकर गुना स्टेशन के लिए एक मालगाड़ी रवाना हुई थी। इसी बीच धरनावदा स्टेशन से पहले गोलाखेड़ी और चौड़ाखेड़ी के बीच अचानक मालगाड़ी के पीछे के हिस्से के गार्ड के डिब्बे सहित करीब एक दर्जन डिब्बे ट्रेन से अलग हो गए। बताया गया है कि ऐसा कपलर टूटने की वजह से हुआ है। घटना का मालगाड़ी के चालक को भी पता नहीं चला और वह ट्रेन को दौड़ाता हुआ अगले स्टेशन धरनावदा तक ले गया। इधर, चलती मालगाड़ी से डिब्बों के अलग होने से गार्ड को जोर का झटका लगा तो उसे घटना का पता चला।
गेटमैन ने दी सूचना
कपलर टूटने से मालगाड़ी के दो हिस्से में बंटने की सूचना रेलवे के गेटमैन ने धरनावदा स्टेशन को दी। जानकारी मुताबिक क्रॉसिंग पर तैनात गेटमैन की नजर बिना गार्ड के दौड़ती मालगाड़ी पर पड़ी तो उसने इसकी सूचना अगले स्टेशन धरनावदा पर दी। सूचना मिलते ही रेलवे प्रबंधन में खलबली मच गई।
बीना -कोटा खींचकर ले गई मालगाड़ी के डिब्बे
घटना के बाद गार्ड सहित छूंटे एक दर्जन डिब्बों को पीछे से आ रही बीना-कोटा पैसेंजर ट्रेन की मदद से चौड़ाखेड़ी स्टेशन तक लाया गया। इस बीच यह सभी डिब्बे रास्ते में पटरी पर ही खड़े रहे। बाद में चौड़ाखेड़ी स्टेशन से इन डिब्बों को धरनावदा स्टेशन के लिए रवाना किया गया। जहाँ से पुन: मालगाड़ी से जोड़े गए। इधर, इस घटना के चलते एक बड़ा हादसा जहाँ टल गया, वहीं बीना-कोटा पैसेंजर ट्रेन एक घंटे देरी से चली। इसके साथ ही अन्य ट्रेनें भी प्रभावित हुईं। कुछ समय के लिए भागलपुर-अजमेर एक्सप्रेस को धरनावदा स्टेशन पर रोकना पड़ा।
पहले भी सामने आती रहीं है दुर्घटनाएं
रेलवे में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आती रही है। जिससे हादसा होते-होते टला है। कपलर टूटने की घटनाएं भी पूर्व में सामने आ चुकीं है और अधिकांश घटनाओं में रेलवे की लापरवाही उजागर हुई है। इसके बाद भी रेलवे कोई सबक नहीं ले रहा है। हादसों को लेकर उसकी खुद की तैयारियों की स्थिति यह है कि गत दिवस पचोर में दुर्घटना होने पर राहत यान भेजने में निर्धारित समय से 4 घंटे अधिक लग गए।