चेन्नई में युद्धस्तर पर राहत कार्य कर रही है एनडीआइएफ
चेन्नई | चेन्नई में पिछले कुछ सप्ताह से हो रही लगातार बारिश के रुकने के बाद अब राहत कार्यों में तेजी आई है। शुक्रवार को भी पूरे दिन रुक-रुककर बारिश होने के कारण बचावकर्मियों को काफी परेशानी भी हुई। चेन्नई में आई बाढ़ से अब तक करीब 325 लोगों की मौत हो गई है। यह आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताते हुए बताया कि अगले 48 घंटों में फिर से तमिलनाडु के कई हिस्सों में तेज बारिश की आशंका है, जिससे राहतकार्यों में फिर से रुकावट आ सकती है। बारिश रुकने के बाद सभी जवान युद्धस्तर पर राहत कार्य को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
एनडीआरएफ की टीम सोशल मीडिया के जरिए बाढ़ की तत्कालीन जानकारी जुटा कर बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पीडि़तों से सोशल मीडिया पर मिल रहे फीडबैक पर भी वह नजर डाले हुए हैं। इससे उन्हें पीडि़तों तक पहुंचने और उन्हें राहत पहुंचाने में काफी मदद भी मिल रही है।
जानकारी के मुताबिक अभी तक लगभग 16 हजार लोगों को एनडीआरएफ ने राज्य के अलग-अलग जगहों पर सुरक्षित पहुंचाया है। यह एनडीआरएफ द्वारा चलाया जा रहा अब तक का सबसे बड़ा राहत और बचाव अभियान है, जिसमें काफी बड़ी संख्या में जवान हिस्सा ले रहे हैं। राहत कार्य में एनडीआरएफ की पचास टीम लगाई गई हैं।
जानकारी हो कि शुक्रवार रात को चेन्नई में रुक-रुक कर बारिश होती रही। बारिश रुकने से राहत कार्यों में तेजी आई है। सरकार ने दावा किया कि पानी उतरने के साथ-साथ करीब तीन हजार बस दोबारा सड़कों पर उतर चुकी हैं। हालांकि शहर के कई इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।
राज्य में बारिश से चेन्नई, कुड्डालोर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित कांचीपुरम में सेना, नौसेना और वायुसेना बचाव और राहत कार्य में लगी हुईं हैं।
तमिलनाडु में चेन्नई और तीन जिलों में कई दिनों की भयानक बारिश और बाढ़ के बाद अब महामारी का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को लोगों को महामारी के प्रति आवश्यक सावधानी बरतने का सुझाव दिया है। वहीं, आपदा प्रबंधन टीम में शामिल डॉक्टर लोगों को उचित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।