दिग्गज कांग्रेसियों में क्यों जागा 'मोदी प्रेम'?
लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार और उसके बाद हार के बढ़ते सिलसिलों के बीच दिग्गज नेता कांग्रेस का दामन लगातार छोड़ते जा रहे हैं। असंतोष के कारण ही कांग्रेस छोड़कर कई नेता कांग्रेस की धुर विरोधी बीजेपी में शामिल हुए। हालांकि कांग्रेस पार्टी छोड़कर जाने वालों को अवसरवादी बताते हुए मामले को ज्यादा तूल देने के मूड में नहीं है।
मोदी बन गए चुंबक
मजेदार बात है कि मोदी के बीजेपी नेतृत्व की कमान संभालने के ऐलान के बाद कांग्रेस के तमाम नेताओं के पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की होड़ लग गई। इनमें प्रदेश नेताओं से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता शामिल हैं। हालांकि पिछले 7-8 महीनों में कांग्रेस को तगड़े झटके लगे हैं। कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कहा। उनमें से कुछ बीजेपी के पाले में जा बैठे तो कुछ ने अपना अलग रास्ता बनाया।
55-60 साल के नेता गए : कांग्रेस
हालांकि पार्टी इसे संक्रमण काल के तौर पर देख रही है। उसे लगता है कि मुश्किल दौर में नेताओं को आना-जाना लगा रहता है। इसमें कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस के एक नेता का कहना था कि पिछले कुछ महीनों में जो भी गए हैं, उनमें से एकाध को छोड़ा जाए तो सभी तकरीबन 55 या 60 के आसपास के नेता हैं। इन लोगों को लग रहा है कि अगर अगले 5 सालों में कुछ नहीं मिला तो राजनीति में उनके लिए वक्त खत्म हो जाएगा। इसलिए इन सीनियर्स को जहां जो मिला, उसे देखते हुए मौके का फायदा उठाया। उक्त नेता का कहना था कि इन्हें शायद मोदी के साथ अपने 5 साल सुरक्षित महसूस हुए हों।
ये नेता छोड़ चुके हैं कांग्रेस
चौधरी बीरेंदर सिंह :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कमान संभालने के बाद हरियाणा चुनाव से ऐन पहले हरियाणा के दिग्गज नेता चौधरी बीरेंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ी। चौधरी तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से खासे नाराज थे। हुड्डा पर उन्होंने राज्य के विकास में भेदभाव करने और पार्टी में दूसरे नेताओं की राय को तवज्जो न देने का आरोप लगाया। चौधरी ने कई बार हाइकमान तक नाराजगी पहुंचाई, लेकिन कुछ नतीजा न निकलता देख उन्होंने अंतत: बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा में भेजकर केंद्र में मंत्री बना दिया।
जी. के. वासन :
यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके वासन ने नंवबर में प्रदेश यूनिट के प्रति असंतोष जताते हुए नवंबर में कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बना ली। वासन ने पार्टी छोड़ने के पीछे जहां प्रदेश यूनिट को जिम्मेदार ठकराया, वहीं दूसरी ओर हाइकमान पर प्रदेश की अनदेखी का आरोप लगाया।
जे. एस. बरार :
लोकसभा में कांग्रेस की करारी हार के बाद सीधे गांधी परिवार की लीडरशिप पर सवाल खड़ा करने वाले पंजाब के पूर्व सांसद और सीडब्ल्यूसी मेंबर जे. एस. बरार ने हाल ही में कांग्रेस को अलविदा कहा है। बरार ने लोकसभा चुनाव के बाद सोनिया और राहुल को कुछ सालों का ब्रेक लेने की सलाह दी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ पार्टी में रुख कड़ा कर लिया गया था। पार्टी के कामकाज की शैली से नाराज बरार ने इस साल के पहले हफ्ते में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
कृष्णा तीरथ :
दिल्ली चुनावों के दौरान कांग्रेस की पूर्व मंत्री कृष्णा तीरथ ने कांग्रेस लीडरशिप पर सवाल खड़ा करते हुए पार्टी छोड़ी और बीजेपी में शामिल हो गईं। यूपीए-2 में महिला बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुकीं तीरथ मौजूदा दिल्ली चुनावों में अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट चाहती थी, जो उन्हें नहीं मिला। कहा जाता है कि इसी से अंसतुष्ट होकर उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया। फिलहाल दिल्ली चुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर पटेल नगर से अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
जयंती नटराजन :
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर सरकार के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया। नटराजन का आरोप था कि उनके पर्यावरण मंत्री रहते हुए कई प्रोजेक्ट्स में सीधे राहुल गांधी ने दखल दिया, जिससे मामले लटके। जयंती के भी बीजेपी में जाने की चर्चा है।
इनके पार्टी छोड़ने की चर्चा
पी. चिदंबरम :
भले ही तमिलनाडु में कांग्रेस की खास साख या जमीनी पकड़ न हो, लेकिन वहां पार्टी की अंदरूनी राजनीति में घमासान मचा है। जयंती के जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को लेकर भी चर्चाएं गरम हैं। लोकसभा चुनाव के बाद चिदंबरम ने कांग्रेस हाईकमान पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि पार्टी में गांधी परिवार के अलावा कोई और भी पार्टी की कमान थाम सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले भी चिंदबरम कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
कार्ति चिदंबरम :
तमिलनाडु के युवा नेता कार्ति चिदंबरम ने जहां एक ओर पार्टी लीडरशिप पर हमला बोला, वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्रदेश इकाई के प्रति भी असंतोष जताया। पिछले दिनों अपने समर्थकों की एक मीटिंग में मोदी की तारीफ करने के चलते उन्हें पीसीसी चीफ की तरफ से कारण बताओ नोटिस दे दिया गया। चर्चा है कि कार्ति कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
कैप्टन अमरिंदर :
पंजाब के पूर्व सीएम और अमृतसर से सांसद अमरिंदर सिंह को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। कैप्टन प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा से काफी नाराज बताए जाते हैं। वह लंबे अर्से से प्रदेश में लीडरशिप कमान बदलने की मांग कर चुके हैं। इस मांग को लेकर वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल चुके हैं। लेकिन कोई नतीजा न निकलता देख उनकी नाराजगी जारी है।
मंजरी चतुर्वेदी